इस पाकिस्तानी गेंदबाज की बॉलिंग से सहवाग को लगता था डर, खुद किया खुलासा

सहवाग भले ही अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हो और गेंदबाज इनका सामना करने में खौफ खाता था, लेकिन उनको भी एक गेंदबाज से डर लगता था।

By सुमित राय | Published: October 1, 2018 05:21 PM2018-10-01T17:21:21+5:302018-10-01T17:24:02+5:30

Virender Sehwag and Shahid Afridi disclose interesting fact of cricket career | इस पाकिस्तानी गेंदबाज की बॉलिंग से सहवाग को लगता था डर, खुद किया खुलासा

पाकिस्तानी गेंदबाज की बॉलिंग से सहवाग को लगता था डर

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टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भले ही अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हो और गेंदबाज इनका सामना करने में खौफ खाता था, लेकिन उनको भी एक गेंदबाज से डर लगता था। सहवाग ने एक लाइव चैट शो के दौरान खुलासा करते हुए बताया कि पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का सामना करने में डर लगता था।

लाइव वीडिया चैट में सहवाग ने बताया, 'ऐसा कोई गेंदबाज जिसमें मैं डरता था तो वह थे शोएब अख्‍तर। आपको पता नहीं होता था कि किस बॉल से वह आपके जूते को हिट करेगा और कौन सी बॉल आपके सिर पर आएगा। मेरे सिर पर उसने कई बाउंसर की हैं। मुझे उससे डर महसूस होता था, लेकिन उसकी गेंदों को हिट करना भी मजेदार था।'

UC Browser की ओर से आयोजित किए गए चैट शो में सहवाग के साथ पाकिस्तान के तूफानी बल्लेबाज शाहित अफरीदी भी मौजूद थे। सहवाग के साथ-साथ अफरीदी ने भी शो में कई खुलासे किए। जब सहवाग से पूछा गया कि उनको किस खिलाड़ी से डर लगता था तो उन्होंने कहा 'वैसे तो मैं किसी से भी नहीं डरता था लेकिन यदि कोई ऐसा बल्‍लेबाज था जिसे गेंद करना मुश्किल था तो वह सहवाग थे।'

चैट शो के दौरान सहवाग ने अपनी फेवरेट विपक्षी टीम के बारें में बात करते हुए कहा कि वो टीम पाकिस्तान थी। पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में खेले अपने पहले मैच के बारे में बता करते हुए सहवाग ने कहा कि उस मैच में मैंने सिर्फ 2 गेंदें खेली। एक पर सिंगल लिया और दूसरी पर शोएब अख्तर ने एलबीडब्ल्यू कर दिया। मैंने अपनी लाइफ के 20 साल में जितनी गालियां नहीं सुनी थी उस दो गेंदों के दौरान फैंस से सुनने को मिल गईं।

बातचीत के दौरान दोनों खिलाड़ियों ने अपने करियर के बेस्ट टाइम के बारे में भी चर्चा की। सहवाग ने कहा कि साल 2007 में टी-20 और साल 2011 में 50-50 वर्ल्ड कप में जीत उनकी पसंदीदा है। ये दोनों वर्ल्ड कप इसलिए भी खास थीं, क्योंकि 2007 वर्ल्‍डकप में हमारी टीम काफी युवा थी और किसी ने भी हमसे अच्‍छा करने और विजेता बनने की उम्‍मीद नहीं की थी। वहीं 2011 वर्ल्‍डकप से पहले किसी भी मेजबान देश ने वर्ल्‍डकप नहीं जीता था।

अफरीदी ने पाकिस्‍तान की 2009 टी-20 वर्ल्‍डकप में जीत को करियर का बेस्ट टाइम बताया। उन्‍होंने कहा कि वर्ल्‍डकप 2009 हमारे लिए यादगार था, क्‍योंकि श्रीलंका की घटना हुई थी और पाकिस्‍तान का क्रिकेट संघर्ष कर रहा था। वर्ष 2009 की इस जीत के कारण हमें अपने देश की खेल भावना को ऊंचाई प्रदान करने में मदद मिली।

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