Vijay Hazare Trophy Final 2023: पहली बार चैंपियन, हरियाणा ने राजस्थान को 30 रन से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी पर किया कब्जा

Vijay Hazare Trophy Final 2023: हरियाणा ने हर्षल पटेल के पुरानी गेंद से मैच का रूख बदलने वाले स्पैल की मदद से शनिवार को यहां विजय हजारे ट्राफी के फाइनल में राजस्थान को 30 रन से हराकर ट्राफी अपने नाम की।

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 16, 2023 09:33 PM2023-12-16T21:33:13+5:302023-12-16T22:43:03+5:30

Vijay Hazare Trophy Final 2023 First time champion won 30 runs Haryana captures Vijay Hazare Trophy HAR 287-8 Haryana vs Rajasthan Sumit Kumar Player of the Match and Player of the Series | Vijay Hazare Trophy Final 2023: पहली बार चैंपियन, हरियाणा ने राजस्थान को 30 रन से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी पर किया कब्जा

बधाई हरियाणा के खिलाड़ी।

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Highlightsहरियाणा ने 50 ओवर में आठ विकेट पर 287 रन बनाये। राजस्थान ने कर्नाटक को छह विकेट से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया था। हरियाणा ने पांच बार की चैम्पियन तमिलनाडु को 63 रन से हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी।

Vijay Hazare Trophy Final 2023: हरियाणा ने विजय हजारे ट्रॉफी 2023 पर कब्जा किया। हरियाणा ने मैच 30 रन से जीत दर्ज की। पहली बार चैंपियन बनने का सपना पूरा हुआ। हरियाणा ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट पर 287 रन बनाए। जवाब में राजस्थान की टीम 257 रन पर आउट हो गई। 

विजय हजारे ट्रॉफी के रोमांचक फाइनल में सुमित कुमार की सर्वव्यापी प्रतिभा और हर्षल पटेल की चमक ने शनिवार को सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में राजस्थान पर हरियाणा की 30 रन से जीत दर्ज की और 32 से अधिक वर्षों के बाद पहली खिताब जीत हासिल की। 

स्कोर: हरियाणा ने 50 ओवर में 287/8 (अंकित कुमार 88, अशोक मेनारिया 70, अनिकेत चौधरी 4/49)। राजस्थान ने 48 ओवर में 257/10 बनाए (अभिजीत तोमर 106, कुणाल राठौड़ 79; सुमित कुमार 3/34, हर्षल पटेल 3/47) ) 30 रन से जीत हासिल की।

सुमित कुमार को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और सीरीज पुरस्कार दिया गया। कुमार ने कहा कि बहुत अच्छा एहसास और इसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता हूं। जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरता हूं तो किसी भी परिस्थिति में रन बनाने की कोशिश करता हूं। परिस्थितियों का उपयोग करना चाहता था। शुरुआत में मुझे सहायता मिली।

हर्षल पटेल ने अपने पहले चार ओवरों में 31 रन दिए थे। शानदार वापसी की। आईपीएल से पहले लय हासिल की। अनुभवी तेज गेंदबाज ने दोनों सेट बल्लेबाजों को आउट कर राजस्थान को हिलाकर रख दिया और वे इससे उबर नहीं सके। हर्षल पटेल ने तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। अंकित कुमार और अशोक मेनारिया के बीच शतकीय साझेदारी ने बाजी पलट दी।

हरियाणा सातवें आसमान पर है। खिलाड़ी खुश हैं और एक-दूसरे से हाथ मिला रहा है। फ़ाइनल में दो अजेय टीमें और एक रोमांचक मैच देखा है। 288 रन का पीछा करने उतरी राजस्थान की शुरुआत खराब रही। सुमित कुमार नई गेंद से बेहतरीन गेंदबाजी की। दीपक हुडा (कर्नाटक के खिलाफ सेमीफाइनल में एक शतक, आज गोल्डन डक) का बेशकीमती विकेट भी शामिल था। 

राजस्थान की टीम भी सलामी बल्लेबाज अभिजीत तोमर (129 गेंद में 106 रन) और कुणाल सिंह राठौड़ (65 गेंद में 79 रन) की बदौलत इस लक्ष्य के करीब बढ़ रही थी। लेकिन हर्षल (नौ ओवर में 47 रन देकर तीन विकेट) ने अपनी गति बदलने वाली विविधतापूर्ण गेंदबाजी से पांच ओवर के दूसरे स्पैल में मैच का रूख ही बदल दिया जिसमें उन्होंने केवल 16 रन दिये और इन दोनों जमे हुए बल्लेबाजों के विकेट झटककर राजस्थान की उम्मीद तोड़ दी। जिससे पूरी टीम 48 ओवर में 257 रन पर सिमट गयी।

आल राउंडर सुमित कुमार (छह ओवर में 34 रन देकर तीन विकेट) की जितनी तारीफ की जाये, उतनी कम है जिन्होंने पहले 16 गेंद में तेजी से नाबाद 28 रन बनाने के बाद राजस्थान के शीर्ष क्रम को झकझोर दिया। इसकी बदौलत उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ के अलावा ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ का पुरस्कार भी मिला।

उन्होंने टूर्नामेंट में निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए 100 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 183 रन बनाने के अलावा 10 मैचों में 18 विकेट झटके। श्रेय हरियाणा के कप्तान अशोक मनेरिया को भी दिया जाना चाहिए जिन्होंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अपने गेंदबाजों का बखूबी इस्तेमाल किया जिसमें हर्षल को सही समय पर गेंदबाजी पर लगाना अहम रहा जो उनका ‘मास्टर स्ट्रोक’ साबित हुआ।

पंजाब के रूप में एक नया सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी विजेता था। अब हमारे पास एक नया विजय हजारे ट्रॉफी विजेता भी है। क्या यह सिलसिला 5 जनवरी 2024 से शुरू होने वाली रणजी ट्रॉफी के साथ भी जारी रहेगा? समय ही बताएगा। कप्तान मेनारिया ने जयदेव शाह से ट्रॉफी प्राप्त की। 10 मैचों में 10 जीत और हरियाणा ने अपना पहला विजय हजारे खिताब जीता।

कभी राजस्थान के कप्तान रह चुके मनेरिया ने हरियाणा को 32 साल (1991 में रणजी ट्राफी के बाद) में पहली सीनियर राष्ट्रीय ट्राफी दिलाने के बाद कोई भी अतिउत्साही जश्न नहीं मनाया। पारी की शुरूआत में आल राउंडर सुमित कुमार अपने पहले ही स्पैल में खतरनाक रहे जिससे राजस्थान की टीम का स्कोर तीन विकेट पर 12 रन हो गया।

उसने आईपीएल के दो नियमित खिलाड़ी महीपाल लोमरोर (02) और कप्तान दीपक हुड्डा (शून्य) के विकेट गंवा दिये। लेकिन सलामी बल्लेबाज तोमर को करण लांबा (20 रन) का साथ मिला, दोनों ने चौथे विकेट के लिये 68 रन जोड़। पर करण लांबा के आउट होने के बाद हरियाणा का पलड़ा भारी रहा।

लेकिन बायें हाथ के बल्लेबाज कुणाल सिंह राठौड़ (65 गेंद में 79 रन) ने कुछ शानदार शॉट लगाकर अपनी टीम को दौड़ में बनाये रखा। उन्होंने तोमर के साथ मिलकर 121 रन की साझेदारी निभायी जिसमें उनके द्वारा लगाये गये पांच छक्के भी शामिल थे। लेकिन उनकी मांसपेशियों में खिंचाव होना शुरू हो गया और जब हर्षल अपने दूसरे स्पैल के लिये आये तो चीजें बदल गयीं।

तोमर इस तेज गेंदबाज की गेंद को मिड ऑफ पर उठाने के प्रयास में सुमित को कैच दे बैठे और राठौड़ लांग ऑफ पर कैच आउट हुए। इससे पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला करने वाली हरियाणा के लिए फॉर्म में चल रहे अंकित कुमार (91 गेंद में 88 रन) और अनुभवी कप्तान अशोक मनेरिया (96 गेंद में 70 रन) ने तीसरे विकेट के लिए 124 रन की साझेदारी निभाकर प्रतिस्पर्धी स्कोर की नींव रखी।

अंकित ने अपनी पारी के दौरान 12 चौके और अजय सिंह कुकना पर एक छक्का जड़ा। मनेरिया ने संयमित पारी के दौरान आठ चौके लगाये। आल राउंडर निशांत सिंधू (22 गेंद में 29 रन), राहुल तेवतिया (18 गेंद में 24 रन) और सुमित कुमार (16 गेंद में 28 रन) ने हरियाणा को 285 रन तक पहुंचाने में मदद की। अनुभवी बायें हाथ के तेज गेंदबाज अनिकेत चौधरी (10 ओवर में 49 रन देकर चार विकेट) के अलावा लेग स्पिनर राहुल चाहर (नौ ओवर में 39 रन देकर एक विकेट) ने प्रभावित किया।

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