Vidarbha vs Kerala Final 2025: विदर्भ इन, मुंबई आउट?, गुजरात का दिल टूटा और 2 रन की बढ़त के साथ केरल पहली बार फाइनल में, 26 फरवरी से ट्रॉफी के लिए लड़ेंगे

Vidarbha vs Kerala Final 2025: शुक्रवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात पर पहली पारी में दो रन की बढ़त हासिल करने के बाद केरल की टीम पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बना लिया।

By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 21, 2025 18:37 IST2025-02-21T14:54:25+5:302025-02-21T18:37:16+5:30

Vidarbha vs Kerala Final 2025 time 26 feb 2 march Vidarbha in Mumbai out Gujarat heartbroken Kerala in final lead 2 runs fight trophy from 26th February | Vidarbha vs Kerala Final 2025: विदर्भ इन, मुंबई आउट?, गुजरात का दिल टूटा और 2 रन की बढ़त के साथ केरल पहली बार फाइनल में, 26 फरवरी से ट्रॉफी के लिए लड़ेंगे

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Highlightsभारत के टी20 अंतरराष्ट्रीय कप्तान सूर्यकुमार यादव फुस्स साबित हुए और 20 गेंद में 23 रन बना सके।गत चैंपियन मुंबई की टीम के सामने 406 रन का लक्ष्य मिला और टीम बना नहीं सकी और फाइनल की रेस से बाहर हो गई। विदर्भ ने पहली पारी में 383 और दूसरी पारी में 292 रन बनाए। जवाब में मुंबई की पहली पारी 270 पर सिमट गई।

Vidarbha vs Kerala Final 2025: रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के 5वें दिन शुक्रवार को विदर्भ की टीम ने गत चैंपियन मुंबई के बाहर कर बदला ले लिया। फाइनल में विदर्भ के सामने केरल की टीम है। फाइनल मुकाबला 26 फरवरी से 2 मार्च के बीच खेला जाएगा। विदर्भ ने पहली पारी में 383 और दूसरी पारी में 292 रन बनाए। जवाब में मुंबई की पहली पारी 270 पर सिमट गई। गत चैंपियन मुंबई की टीम के सामने 406 रन का लक्ष्य मिला और टीम 325 रन पर आउट हो गई और विदर्भ ने 80 रन से जीत हासिल कर फाइनल का टिकट कटाया। सूर्यकुमार यादव फुस्स साबित हुए और 20 गेंद में 23 रन बना सके।

  

   

दूसरी ओर केरल के पहली पारी में 457 रन के जवाब में गुजरात की टीम 455 पर आउट हो गई। पहली पारी में 2 रन की बढ़त के आधार पर केरल की टीम बाजी मार कर फाइनल में प्रवेश किया और उसका सामना विदर्भ से होगा। सलामी बल्लेबाज प्रियांक पंचाल की 148 रन की शानदार पारी खेली, लेकिन टीम के अन्य खिलाड़ी का उतना साथ नहीं मिला। सिद्धार्थ देसाई ने 30 रन का योगदान दिया।

मुंबई को हराकर विदर्भ चौथी बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में

बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे के पांच विकेट की मदद से विदर्भ ने शुक्रवार को यहां 42 बार के चैंपियन मुंबई को 80 रन से हराकर चौथी बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई। विदर्भ फाइनल में केरल का सामना करेगा जिसने एक अन्य सेमीफाइनल में गुजरात के खिलाफ पहली पारी ने दो रन की बढ़त हासिल करके पहली बार खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया।

पुणे के रहने वाले 22 वर्षीय स्पिनर दुबे ने 127 रन देकर पांच विकेट लिए जिससे 406 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही मुंबई की टीम 325 रन पर आउट हो गई। विदर्भ ने इस तरह से पिछले साल मुंबई के हाथों फाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। विदर्भ को फाइनल में पहुंचाने में दुबे ने अहम भूमिका निभाई है।

वह इस सत्र में अभी तक 66 विकेट ले चुके हैं। अब वह एक रणजी सत्र में सर्वाधिक विकेट लेने के बिहार के आशुतोष अमन के रिकॉर्ड से केवल दो विकेट दूर हैं। विदर्भ चौथी बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा है। इससे पहले वह 2017-18 और 2018-19 में चैंपियन बना था। मुंबई के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने आखिर तक मैच को रोमांचक बनाए रखा।

शार्दुल ठाकुर ने फिर से अपने बल्लेबाजी कौशल का अच्छा नमूना पेश करते हुए 124 गेंद पर 66 रन बनाए जिसमें पांच चौके और एक छक्का शामिल है। शार्दुल ने शम्स मुलानी (46) के साथ सातवें विकेट के लिए 103 रन जोड़े। मुलानी के रन आउट होने से यह साझेदारी टूटी।

इसके बाद यश ठाकुर ने शार्दुल को बोल्ड किया जिससे मुंबई का स्कोर आठ विकेट पर 254 रन हो गया। इसके बाद हालांकि रॉयस्टन डायस और मोहित अवस्थी ने अंतिम विकेट के लिए 52 रन जोड़कर मुंबई को 93.4 ओवर में 300 के पार पहुंचा दिया। दुबे ने अवस्थी को पगबाधा आउट करके विदर्भ को जीत दिलाई।

गुजरात पर पहली पारी में दो रन की बढ़त से केरल रणजी ट्रॉफी फाइनल में

केरल ने शुक्रवार को यहां गुजरात पर पहली पारी में महज दो रन की बढ़त हासिल करके पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया। भारतीय क्रिकेट की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता में पदार्पण करने के 68 साल बाद केरल पहली बार फाइनल में पहुंचा है। अब फाइनल में केरल का सामना विदर्भ से होगा जिसने दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई को 80 रन से हराया।

गुजरात को अंतिम दिन पहली पारी में बढ़त हासिल करने के लिए सिर्फ 29 रन की दरकार थी और 2016-17 की रणजी ट्रॉफी चैम्पियन टीम ने सुबह सात विकेट पर 429 रन के स्कोर से खेलना शुरू किया। बाएं हाथ के स्पिनर आदित्य सरवटे ने दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया और तीनों विकेट लेकर गुजरात को 174.4 ओवर में 455 रन पर समेट दिया।

इस तरह से टीम दो रन से फाइनल में पहुंचने से चूक गई। मेहमान टीम केवल दूसरी बार सेमीफाइनल में खेल रही थी। उसे जयमीत पटेल (रात के 74 रन पर खेलने उतरे) और सिद्धार्थ देसाई (रात के 24 रन पर खेलने उतरे) के बीच चौथे दिन आठवें विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी से निराशा हाथ लगी थी।

केरल को दिन की शुरुआत में तीन विकेट की जरूरत थी और सिर्फ 28 रन का बचाव करना था। केरल ने 1957 में रणजी पदार्पण करने के बाद 2018-19 में आखिरी बार सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सरवटे की सफलतायें काफी नाटकीय तरीके से मिली जिसमें एक कैच छूटना, एक स्टंपिंग का मुश्किल फैसला और एक सफल डीआरएस समीक्षा शामिल थी।

जिसने कैच आउट के फैसले को पगबाधा में बदल दिया। पहले केरल के कप्तान सचिन बेबी ने क्रीज पर जमे जयमीत का कैच छोड़ दिया तब गुजरात की टीम बढ़त से 23 रन दूर थी। लेकिन जयमीत इसका फायदा नहीं उठा सके और उसी ओवर में 79 (177 गेंद, दो चौके) रन बनाकर आउट हो गए। गेंद उनके बल्ले के बाहरी किनारे को छूकर निकली।

मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बेहतरीन स्टंपिंग की और उन्होंने अपना पैर क्रीज के बाहर खींच लिया। कई रिप्ले के बाद अंपायर ने आखिरकार उन्हें आउट करार दिया क्योंकि जब बेल गिराई गई थी तो उनका पैर लाइन पर पाया गया और केरल की टीम इस विकेट का जश्न मना रही थी। गुजरात के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अरजन नागवासवाला ने 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अक्षय चंद्रन की गेंद को कवर बाउंड्री पर पहुंचाया जिससे टीम बढ़त हासिल करने से महज 14 रन दूर थी। केरल को दिन की दूसरी सफलता तब मिली जब गुजरात 11 रन से पिछड़ रहा था।

सरवटे ने सिद्धार्थ देसाई को आउट किया जो 164 गेंद में सिर्फ एक चौके की मदद से 30 रन बनाकर आउट हो गए। देसाई ने कैच आउट के फैसले की समीक्षा की। ‘अल्ट्रा एज’ में कोई ‘स्पाइक’ नहीं दिखा लेकिन ‘बॉल-ट्रैकिंग’ ने पुष्टि की कि गेंद लेग स्टंप पर लगी होगी, जिससे यह फैसला पलटकर पगबाधा आउट हो गया।

नागवासवाला और अंतिम खिलाड़ी प्रियजीतसिंह जडेजा कोशिश कर रहे थे और गुजरात की टीम बढ़त से महज आठ रन दूर थी, तभी केरल ने एक मौका गंवा दिया। जलज सक्सेना ने अपना पांचवां विकेट लगभग ले ही लिया था क्योंकि गेंद नागवासवाला की अंदरूनी किनारे को छू गई जिससे गुजरात सिर्फ दो रन से पीछे था। लेकिन फिर निर्णायक क्षण आया। सरवटे की गेंद पर नागवासवाला ने जोरदार स्विंग किया और गेंद शॉर्ट लेग पर निजार के हेलमेट से टकराकर स्लिप में बेबी के हाथों में चली गई।

कोच अमेय खुरसिया की टीम जश्न में डूब गई जिसने ऐतिहासिक रणजी फाइनल में जगह पक्की कर ली। केरल के लिए सरवटे ने 111 रन देकर और जलज ने 149 रन देकर चार चार विकेट झटके। अपने पहले रणजी फाइनल में जगह पक्की करने के बाद केरल ने दूसरी पारी में आसानी से बल्लेबाजी की और ड्रॉ मुकाबले में दूसरी पारी में 46 ओवर में चार विकेट पर 114 रन बनाए।

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