सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने एक अहम फैसले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को निर्देश दिया है कि बिहार राज्य की क्रिकेट टीम को रणजी ट्रॉफी समेत सभी घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों में खेलने की इजाजत दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार की टीम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के तहत रणजी ट्रॉफी और अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में हिस्सा लेगी। बीसीसीआई ने झारखंड राज्य के गठन के बाद बिहार राज्य क्रिकेट टीम की मान्यता खत्म कर दी थी।
2004 में जब झारखंड और बिहार में से किसी एक को चुनने की बारी आई तो बीसीसीआई ने बिहार की जगह झारखंड को चुना। यही वजह है कि पिछले एक दशक से रणजी समेत सभी घरेलू बड़े टूर्नामेंटों में झारखंड की टीम खेलती है लेकिन बिहार की टीम इसमें हिस्सा नहीं ले पाती है।
धोनी को भी बिहार की जगह झारखंड से करना पड़ा था डेब्यू
ये फैसला बिहार के युवा क्रिकेटरों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है क्योंकि राज्य की टीम का रणजी जैसे टूर्नामेंटों में प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें दूसरे राज्य की टीमों से खेलना पड़ता है। यही वजह कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को भी बिहार को छोड़कर 2004 में झारखंड से अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू करना पड़ा था। यही नहीं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को भी बिहार की जगह झारखंड से अपना डेब्यू करना पड़ा था।