सौरव गांगुली और उनकी टीम को 2023 तक बीसीसीआई में पद पर देखना पसंद करूंगा: सुनील गावस्कर

Sunil Gavaskar, Sourav Ganguly: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने ने कहा है कि सौरव गांगुली को 2023 तक बीसीसीआई में अपने पद पर बने रहना चाहिए

By अभिषेक पाण्डेय | Published: July 26, 2020 2:43 PM

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पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने सौरव गांगुली का वर्ल्ड कप 2023 के अंत तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष के रूप में पद पर बने रहने का समर्थन किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा था कि वह बीसीसीआई द्वारा संविधान बदलने की मांग समेत कई मुद्दों की सुनवाई दो हफ्ते के बाद करेगा। गांगुली और शाह को पिछले अक्टूबर में बीसीसीआई में निर्विरोध चुना गया था। जहां शाह का कार्यकाल मई में समाप्त हो गया था,  को वहीं गांगुली का कार्यकाल 27 जुलाई को समाप्त हो रहा है।

गावस्कर ने कहा, सौरव गांगुली को 2023 तक बीसीसीआई में पद पर रहना चाहिए

हालांकि, पिछले साल दिसंबर में बीसीसीआई के 88वें एसजीएम में, सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से यह स्वीकार किया गया था कि गांगुली और उनकी टीम को बीसीसीआई में पूरे छह साल की सेवा मिलनी चाहिए। BCCI संविधान के अनुसार, पदाधिकारियों के कार्यकाल के किसी भी विस्तार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।

नेटवर्क 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, गावस्कर ने मिड-डे में लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई और उन के सहयोगियों के कई आवेदनों की सुनवाई को स्थगित करने के फैसले ने भी भारतीय क्रिकेट को अनिश्चय की स्थिति में डाल दिया है। निश्चित रूप से, सर्वोच्च न्यायालय में क्रिकेट से पहले कई और महत्वपूर्ण मामले हैं लेकिन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को उत्सुकता से इस फैसले का इंतजार है।'

बीसीसीआई प्रशासन में भी कमाल करने में सक्षम हैं गांगुली: गावस्कर

गावस्कर ने लिखा, 'निजी तौर पर मैं सौरव गांगुली और उनकी टीम को भारत में होने वाले 2023 वर्ल्ड कप तक पद पर देखना चाहूंगा, लेकिन देखते हैं कि कोर्ट क्या फैसला करता है। जिस तरह सौरव गांगुली ने मुश्किल समय से उबारकर भारतीय क्रिकेट फैंस का भरोसा फिर से कायम किया, उसी तरह वह और उनकी टीम बीसीसीआई प्रशासन में भी वही करने में सक्षम है।'

गावस्कर ने यह भी कहा कि पूर्व क्रिकेटरों की ओर बोर्ड द्वारा चिकित्सकीय सहायता की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए, जो वर्तमान में 5 लाख रुपये है।  गावस्कर ने लिखा, 'इन उपचारों में से कुछ की लागत वर्तमान में पूर्व क्रिकेटरों के लिए चिकित्सा सहायता की सीमा से कई गुना अधिक है। इसलिए प्रत्येक मामले का अलग से इलाज किया जाना चाहिए और यदि यह एक बहुत गंभीर चिकित्सा समस्या है तो बीसीसीआई से चिकित्सा सहायता के लिए कोई सीमा नहीं होनी चाहिए।'

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