जिस महान बल्लेबाज ने ठोके 29 टेस्ट शतक, आखिरी पारी में 4 रन नहीं बना पाया!

क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में शुमार सर डॉन ब्रैडमैन ने अपने करियर में 29 शतक जड़े लेकिन अपनी आखिरी टेस्ट पारी में वह 4 रन भी नहीं बना पाए और जीरो पर बोल्ड हो गए...

By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 14, 2017 11:18 AM2017-12-14T11:18:57+5:302017-12-14T15:37:56+5:30

Sir Don Bradman got out on zero in his last test innings | जिस महान बल्लेबाज ने ठोके 29 टेस्ट शतक, आखिरी पारी में 4 रन नहीं बना पाया!

डॉन ब्रैडमैन

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Highlightsडॉन ब्रैडमैन ने टेस्ट में 99.94 की चमत्कारिक औसत से रन बनाएब्रैडमैन ने महज 52 टेस्ट में 29 शतकों के साथ 6996 रन बनाएब्रैडमैन के रिकॉर्ड्स का टूटना लगभग असंभव है

टेस्ट क्रिकेट में 100 की अविश्वसनीय औसत हासिल करने के लिए उन्हें महज 4 रन चाहिए था। 7000 टेस्ट रन से भी वह इतने ही रन दूर थे। जब ये बैटिंग के लिए उतरे तो ओवल पर मौजूद 20 हजार दर्शकों ने खड़े होकर और ताली बजाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया। पहली गेंद पर कोई रन नहीं बना, दूसरी गेंद पर ये महान बल्लेबाज क्लीन बोल्ड हो गया। ओवल के स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया, अपने पूरे करियर में दुनिया के सभी गेंदबाजों का जीना मुहाल करने वाले बल्लेबाज अपने आखिरी टेस्ट मैच में जीरो पर आउट हो गया था। इस बल्लेबाज का नाम है क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन। ब्रैडमैन ने अपने करियर में 52 टेस्ट मैचों में 99.94 की औसत से 6996 रन बनाए, जिनमें 29 शतक शामिल हैं, लेकिन आखिरी पारी में वह जीरो पर आउट हो गए।

ब्रैडमैन ने अपने टेस्ट करियर में 99.94 की औसत से रन बनाए। उन्हें अपने आखिरी टेस्ट मैच में 100 की औसत तक पहुंचने के लिए महज 4 रन बनाने की आवश्यकता थी। जो बल्लेबाज उसके पहले 29 टेस्ट शतक जड़ चुका हो, जिसमें दो तिहरे शतक और 12 दोहरे शतक शामिल हों, के लिए ये बहुत मामूली सा स्कोर था, लेकिन क्रिकेट के खेल की अनिश्चितता देखिए महान ब्रैडमैन अपनी आखिरी टेस्ट पारी में डक पर आउट हो गए।  ब्रैडमैन की आखिरी पारी के डक की उतनी ही चर्चा होती है जितनी कि उनके 29 शतकों की।

100 की औसत पाने से महज 4 रन दूर रह गए ब्रैडमैन
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का पांचवां टेस्ट मैच ओवल के मैदान पर 14 अगस्त 1948 से शुरू हुआ। इस मैच को हमेशा इस बात के लिए याद रखा जाएगा कि इसमें ब्रैडमैन अपनी आखिरी टेस्ट पारी में जीरो पर आउट हो गए थे। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज रे लिंडवॉल (20/6) की घातक गेंदबाजी के आगे इंग्लिश टीम महज 52 रन पर ढेर हो गई थी, इंग्लैंड के लिए लेन हटन ने सबसे अधिक 30 रन की पारी खेली थी। सिड बर्न्स और आर्थर मॉरिस ने ऑस्ट्रेलिया को जोरदार शुरुआत दिलाई और पहले विकेट के लिए 117 रन की साझेदारी की। आर्थर मॉरिस (196) के शानदार शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 389 रन का स्कोर खड़ा किया और फिर इंग्लैंड को 188 रन पर समेटते हुए ये मैच एक पारी और 249 रन के बड़े अंतर से जीत लिया।  

ज्यादा सावधानी ने बिगाड़ा था ब्रैडमैन का कामः
पहले दिन इंग्लैंड के 52 रन पर सिमटने के बाद ऑस्ट्रेलियाई ओपनरों सिड बर्न्स (61) और आर्थर मॉरिस (196) ने 117 रन जोड़े और फिर बर्न्स का विकेट गिरने के बाद बैटिंग के लिए उतरे उतरे कप्तान डॉन ब्रैडमैन और पूरा स्टेडियम इस महान बल्लेबाज के सम्मान में खड़ा हो गया। ब्रैडमैन विकेट पर पहुंचे तो पूरी इंग्लैंड टीम ने भी उनके प्रति अपना सम्मान जताया। ब्रैडमैन को पहली गेंद फेंकी लेग स्पिनर एरिक होलीज ने।

ब्रैडमैन ने होलीज की पहली गेंद को रक्षात्मक अंदाज में खेल दिया। अगली गेंद को भी उन्होंने रक्षात्मक अंदाज में खेलने की कोशिश की लेकिन इस बार चूक गए और गेंद उनके विकेटों से जा टकराई, निराश ब्रैडमैन पविलियन की तरफ वापस चल दिए और न सिर्फ ओवल में बल्कि पूरी दुनिया के फैंस के लिए इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि ब्रैडमैन अपनी आखिरी पारी में जीरो पर आउट हो गए। 

बाद में ब्रैडमैन ने कहा, 'जरूरत से ज्यादा सावधानी से खेलने की वजह से ही वह बोल्ड हो गए लेकिन क्रिकेट ऐसा ही होता है।' कुछ रिपोर्ट्स में तो ये भी दावा किया गया कि इस तरह जीरो पर आउट होने के बाद ब्रैडमैन आंखों में आंसू भरकर बेहद उदास मन से पविलियन वापस लौटे थे। लेकिन ब्रैडमैन ने इन बातों का बाद में खुद खंडन किया था। सच जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि जिस बल्लेबाज ने बैटिंग की नई परिभाषा लिखी और क्रिकेट की दिशा ही बदलकर रख दी उसका महज 4 रन से 100 की औसत चूक जाना निश्चित तौर पर फैंस को हमेशा ही सालता रहेगा। लेकिन ये अनिश्चितता ही शायद क्रिकेट की खासियत और खूबसूरती है। लेकिन सर डॉन ब्रैडमैन की आखिरी पारी की चर्चा हमेशा जारी रहेगी! 

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