शेन वॉर्न और सचिन के बीच तीन साल पहले हुआ था बड़ा मतभेद, ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने किया खुलासा

ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न ने इसका खुलासा अपनी ऑटोबायोग्राफी 'नो स्पिन' में किया है।

By विनीत कुमार | Published: November 9, 2018 01:48 PM2018-11-09T13:48:20+5:302018-11-09T14:23:39+5:30

shane warne and sachin tendulkar relation took a hit during 2015 exhibition matches | शेन वॉर्न और सचिन के बीच तीन साल पहले हुआ था बड़ा मतभेद, ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने किया खुलासा

सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न

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नई दिल्ली:सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न को हमेशा से अच्छे दोस्त के तौर पर देखा जाता रहा है। क्रिकेट के मैदान पर भले ही दोनों एक-दूसरे को टक्कर देते नजर आये लेकिन मैदान के बाहर सम्मान देना भी नहीं भूले। खासकर, इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के बाद ये दोस्ती कई मौकों पर और खास नजर आई। हालांकि, साल 2015 में उनके बीच मतभेद भी उभरे थे। 

ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न ने इसका खुलासा अपनी ऑटोबायोग्राफी 'नो स्पिन' में किया है। वॉर्न के अनुसार साल 2015-16 में अमेरिका में हुए क्रिकेट ऑल स्टार्स प्रदर्शनी मैचों को लेकर ये मतभेद दोनों दिग्गज के बीच हुए थे। 

वॉर्न के अनुसार वे और सचिन तेंदुलकर हर साल ऐसा टूर्नामेंट आयोजित करना चाहते थे लेकिन खराब प्रबंधन के कारण दोनों के बीच मतभेद उभरे और फिर पहले सत्र के बाद इसका आयोजन दोबारा नहीं हो सका। 

वॉर्न ने अपनी किताब में लिखा है, 'सचिन के पास वो आदमी था जिसका नाम संजय है, जो मेंटोर और एक तरह से बिजनेस सलाहकार था। मैंने उन्हें अपनी योजना बताई और स्लाइड शो भी दिया। उन्होंने इसे पसंद किया और अमेरिका के एक व्यक्ति बेन स्टनर से संपर्क भी किया। सचिन इस बात को लेकर अटल थे कि उनके ही सभी आदमी इस पूरी चीज को आगे ले जाएं।'

इस प्रदर्शनी मैच में कई दिग्गज हस्तियों ने हिस्सा लिया था। साल 2015 में ये मैच अमेरिका के लॉस एंजलिस, न्यू यॉर्क और होस्टन में आयोजित हुए थे और इसमें ब्रायन लारा, ग्लेन मैकग्राथ और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज मौजूद थे।

वॉर्न के अनुसार उन्होंने सचिन से इस टूर्नामेंट के बारे में विस्तार से बात की और ये सलाह दी कि अनुभवी लोगों को इसे आयोजित कराने के लिए जिम्मेदारी दी जाए और दो-दो लोग दोनों (सचिन और वॉर्न) के कैम्प से भी इस टीम में शामिल हो। हालांकि, सचिन दरसअल संजय और बेन को किसी भी तरह आयोजन करने वाली टीम में रखने के पक्ष में थे।   

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार जब इस पूरे मुद्दे पर सचिन तेंदुलकर से संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। 

वॉर्न ने अपनी किताब में साफ किया कि तेंदुलकर ने इस टूर्नामेंट के पूरी खर्च की जिम्मेदारी उठायी लेकिन वह उन लोगों से प्रभावित नहीं थे जिन्हें तेंदुलकर ने प्रबंधन के लिए चुना था। 

वॉर्न ने लिखा है, 'मैं तेंदुलकर को 25 साल से जानता हूं और उन्होंने मैदान के बाहर भी शानदार काम किया है, इसलिये मुझे लगा कि उनका व्यवसायिक पक्ष ठीक तरह संगठित होगा। हालांकि बाद में मुझे इसका पछतावा हुआ।' 

वॉर्न ने लिखा सचिन के चारों ओर मौजूद कुछ इर्ष्या करने वाले लोगों के कारण दोनों के बीच कई दिनों तक कोई संवाद नहीं हुआ और रिश्तों में भी खटास आई। वॉर्न ने आगे लिखा है कि सचिन की टीम में जो लोग थे, वे अच्छे थे लेकिन टूर्नामेंट उनकी क्षमता से कहीं अधिक बड़ा था और इसलिए स्थितियां बिगड़ गईं।

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