सचिन ने किया खुलासा, 'गुरु आचरेकर ने मुझसे कभी नहीं कहा अच्छा खेले'

सचिन तेंदुलकर ने किया खुलासा, उनके गुरु रमाकांत आचरेकर ने क्यों नहीं की उनकी तारीफ

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: February 9, 2018 12:36 IST2018-02-09T12:17:34+5:302018-02-09T12:36:42+5:30

Sachin Tendulkar reveals why coach Ramakant Achrekar did not say well-played to me ever | सचिन ने किया खुलासा, 'गुरु आचरेकर ने मुझसे कभी नहीं कहा अच्छा खेले'

सचिन तेंदुलकर

अपने क्रिकेट करियर में अपने गुरु रमाकांच आचरेकर के योगदान को याद करते हुए महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि कोच और गुरु मात-पिता की तरह होते हैं। एक किताब रिलीज समारोह के दौरान अपने गुरु आचरेकर के योगदान को याद करते हुए सचिन ने कहा, 'कोच, गुरु हमारे माता-पिता की तरह होते हैं, क्योंकि हम उनके साथ काफी समय बिताते हैं, हम उनसे काफी चीजें सीखते हैं।'

सचिन ने माता-पिता के लिए बच्चों के स्वास्थ्य पर यशवंत आमडेकर द्वारा लिखित 'इवेन ह्वेन देअर इज एक डॉक्टर' नामक किताब रिलीज की। सचिन ने इस अवसर पर अपने गुरु आचरेकर को याद करते हुए कहा, 'आचरेकर सर कई बार काफी सख्त होते थे, लेकिन उतने ही प्यार और ध्यान रखने वाले भी थे। सर ने मुझसे कभी नहीं कहा कि अच्छा खेले, लेकिन मैं जानता था कि जब भी सर मुझे भेल-पूरी या पानी-पूरी खिलाने ले जाते थे तो वह मुझसे खुश होते थे, मैंने मैदान पर कुछ अच्छा किया है।' 

सचिन ने अपने बचपन को याद करते हुए कहा, 'मैं शरारती बच्चा था, संभालने में मुश्किल..मैं बहुत ही मुश्किल था कि मुझे संतुलित परिवार मिला। मेरे पिताजी हमेशा शांत रहते थे, कभी गुस्सा नहीं होते थे, उसी तरह मेरी मां भी थीं। उन्होंने मुझे पूरी आजादी दी, दुलार दिया, लेकिन बिगाड़ा नहीं।' 'जब भी जरूरत पड़ी वे सख्त बने।'

सचिन ने अपने बचपन की उस घटना कि जिक्र किया जिसने उन्हें आजादी को जिम्मेदारी के साथ निभाने की सीख दी। सचिन ने कहा, 'मैं 13 साल का होऊंगा, जब मुझे इंदौर में एक नेशनल कैंप में शामिल होने के लिए एक महीने के लिए बाहर जाना था। उन दिनों मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं थे।' 

सचिन ने बताया, 'मैं एक महीन के लिए जा रहा था और मेरी मां चिंतित थीं और मेरे पिता उनसे कह रहे थे कि ये हम सबमें सबसे चालाक और तेज है, वह जानता है कि वह परिपक्व है। मुझे ये बेहतरीन लगा, उस आजादी के साथ मेरे दिमाग में कहीं ये बात दर्ज हो गई कि आजादी के साथ जिम्मेदारी आती है, और मुझे अपनी आजादी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।'

सचिन ने अपने बच्चों अर्जुन और सारा के बेहतरीन पालन-पोषण का श्रेय अपनी पत्नी अंजलि को दिया। इस कार्यक्रम में अंजलि भी मौजूद थीं, जो आमडेकर की शिष्या रही थीं।

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