बर्थडे स्पेशल: सचिन को जब मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड में मिली शैंपेन की बोतल, जानिए उनसे जुड़ी 10 रोचक बातें

24 अप्रैल, 1973 को एक आम मराठी परिवार में जन्में सचिन ने अपने खेल न केवल पूरी दुनिया का दिल जीता बल्कि क्रिकेट को भी एक अलग मुकाम पर ले गए।

By विनीत कुमार | Published: April 24, 2018 7:17 AM

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नई दिल्ली, 24 अप्रैल: सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के मैदान पर अपने करियर में कई ऐसी कहानियां लिखी जो अगले कई सालों तक सुनाए जाएंगे। 24 अप्रैल, 1973 को एक आम मराठी परिवार में जन्में सचिन ने अपने खेल न केवल पूरी दुनिया का दिल जीता बल्कि क्रिकेट को भी एक अलग मुकाम पर ले गए। आईए, जानते हैं उनके जीवन से जुड़े 10 रोचक तथ्य... 

1. आप इसे अंधविश्वास कह लीजिए या कुछ और सचिन तेंदुलकर के बारे में कहा जाता है कि अपने पूरे क्रिकेट करियर में वह बैटिंग के लिए जाने से पहले अपने बाएं पैर का पैड ही बांधते थे।

2. साल 2007 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक सीरीज के तीसरे मैच में ब्रैड हॉग ने सचिन को आउट किया। मैच के बाद हॉग ने सचिन से उसी आउट होने की एक तस्वीर पर ऑटोग्राफ मांगा। तेंदुलकर ने भी उनकी बात मानी और साइन करते हुए लिखा, 'ऐसा फिर कभी नहीं होगा हॉगी।' दिलचस्प बात ये कि उसके बाद फिर कभी हॉग को सचिन का विकेट का नहीं मिला।

3. सचिन के नाम क्रिकेट की दुनिया में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। वैसे, एक रिकॉर्ड ये भी है कि सचिन तीसरे अंपायर द्वारा आउट (1992) दिए जाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं। 

4. सचिन 1987 के वर्ल्ड कप में एक मैच में बॉल ब्वॉय बने थे। वानखेड़े स्टेडियम में यह मैच भारत और जिम्बॉब्वे के बीच खेला गया था। सचिन तब केवल 14 साल के थे।

5. सचिन ने जब पहली बार मैन ऑफ मैच का अवॉर्ड जीता तो उन्हें शैंपेन की बोतल दी गई। हालांकि, सचिन तब 18 साल के नहीं थे इसलिए ड्रिंक नहीं कर सकते थे। बाद में उन्होंने अपनी बेटी के पहले जन्मदिन की पार्टी में उस शैंपेन की बोतल को खोला।

6. सचिन ने 1990 में काउंटी टीम यॉर्कशायर से करार किया। यॉर्कशायर ने तब पहली बार किसी दूसरे देश के बैट्समैन को अपनी टीम से खेलने के लिए चुना था।  

7. सचिन के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक हैं। इसमें 49 उन्होंने वनडे में बनाए हैं। हालांकि, सचिन को अपने पहले वनडे करियर में शतक लगाने के लिए 79 वनडे पारियों तक इंतजार करना पड़ा था।

8. कहा जाता है कि सचिन पहले तेज गेंदबाज बनना चाहते थे लेकिन डेनिस लिली के एमआरएफ फाउंडेशन ने तब 1987 में उन्हें रिजेक्ट कर दिया था।

9. अपने बचपन के दिनों में सचिन अक्सर अपनी क्रिकेट किट और बल्ले को साथ लेकर सो जाया करते थे।

10. सचिन तेंदुलकर ने रणजी, दिलीप और ईरानी ट्राफी के अपने पहले ही मैचों में शतक जमाए। ऐसा करने वाले वे भारत के पहले और एकमात्र बल्लेबाज हैं। (और पढ़ें- क्या इस खूबसूरत एक्ट्रेस के प्यार में पड़े हैं युजवेंद्र चहल, शादी को लेकर ट्विटर पर किया खुलासा)

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