Rod Marsh: नहीं रहे ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज विकेटकीपर रॉड मार्श, दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत

Rod Marsh: ऑस्ट्रेलिया के शानदार विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में रॉड मार्श को जाना जाता है। उनकी बेहतरीन खेलों के लिए उन्हें याद किया जाएगा।

By आजाद खान | Published: March 04, 2022 9:10 AM

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ठळक मुद्देऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर रॉड मार्श की मौत हो गई है।वे एक शानदार विकेटकीपर बल्लेबाज थे।उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई है।

Rod Marsh is No More: आस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज रोड मार्श का निधन हो गया है। उन्हें एक हफ्ता पहले क्वीन्सलैंड में धर्मार्थ कार्यों के लिए पैसा जुटाने के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिल का दौरा पड़ा था। मार्श 74 बरस के थे। तेज गेंदबाज डेनिस लिली के साथ मार्श की जोड़ी शानदार थी। इन दोनों ने मिलकर टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड 95 शिकार किए। 

क्या कहा क्रिकेट आस्ट्रेलिया के अध्यक्ष

क्रिकेट आस्ट्रेलिया के अध्यक्ष लैकलेन हेंडरसन ने कहा, ‘‘यह आस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए बेहद दुखद दिन है और उन सभी के लिए जिन्हें रोड मार्श से प्यार था और उनकी सराहना करते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रोड ने जिस तरह खेल खेला और आस्ट्रेलिया की शानदार टीम के सदस्य के रूप में दर्शकों को जिस तरह खुशी दी उसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा- कैच मार्श गेंदबाजी लिली का हमारे खेल में अलग रुतबा है।’’ 

मार्श ने 1984 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट के बाद लिया था संन्यास

मार्श और लिली ने इंग्लैंड के खिलाफ 1970-71 एशेज श्रृंखला में टेस्ट पदार्पण किया और 1984 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट के बाद संन्यास लिया। दोनों के नाम उस समय समान 355 शिकार दर्ज थे जो उस समय विकेटकीपर और तेज गेंदबाज दोनों के लिए रिकॉर्ड था। मार्श ने पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय पांच जनवरी 1971 को मेलबर्न क्रिकेट मैदान पर खेला और फरवरी 1984 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना 92वां एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। 

मार्श टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़ने वाले पहले आस्ट्रेलियाई विकेटकीपर

वह 1970 के दशक में विश्व सीरीज आफ क्रिकेट का भी हिस्सा रहे जिसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को नया आयाम दिया। इसके बाद पेशेवर खिलाड़ियों और प्रशंसकों के लिए खेल में नई क्रांति आई। बाएं हाथ के बल्लेबाज मार्श टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़ने वाले पहले आस्ट्रेलियाई विकेटकीपर थे। उन्होंने एडीलेड में 1972 में पाकिस्तान के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने अपने करियर में तीन टेस्ट शतक जड़े। मार्श आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमियों के प्रमुख भी रहे। 

विश्व कोचिंग अकादमी के पहले प्रमुख थे मार्श

वह दुबई में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की विश्व कोचिंग अकादमी के पहले प्रमुख थे। उन्हें 2014 में आस्ट्रेलिया की चयन समिति का अध्यक्ष चुना गया और वह दो साल तक इस पद पर रहे। क्रिकेट जगत ने मार्श को श्रद्धांजलि दी है। पाकिस्तान के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रही तीन टेस्ट श्रृंखला में मार्श के सम्मान में बांह पर काली पट्टी बांधकर खेलने की योजना बना रही आस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान पैट कमिंस ने इस दिग्गज को आस्ट्रेलियाई क्रिकेट की भव्य शख्सियत करार दिया जिसने लगभग 50 साल तक बेहतरीन सेवा दी। 

मार्श खेल के ‘सच्चे लीजेंड थे’-ज्यौफ अलार्डिस

कमिंस ने कहा, ‘‘वह शानदार थे क्योंकि उन्हें खेल की पूर्ण समझ थी लेकिन साथ ही वह आपको सहज भी महसूस कराते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनकी निडरता और कड़ा क्रिकेटर होने की कहानियां सुनते हुए बड़ा हुआ लेकिन एक दशक से अधिक समय तक उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और विकेट के पीछे शानदार प्रदर्शन उन्हें हमारे खेल का सर्वकालिक महान खिलाड़ी बनाते हैं, सिर्फ आस्ट्रेलिया का नहीं बल्कि दुनिया का। ’’ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्यौफ अलार्डिस ने कहा कि मार्श खेल के ‘सच्चे लीजेंड’ थे। 

उन्होंने कहा, ‘‘ग्लव्स के साथ उनका कौशल और प्रतिभा शानदार थी लेकिन उनकी विरासत मैदान पर उन्होंने जो हासिल किया उससे कहीं अधिक है। दुनिया भर में युवा क्रिकेटरों के विकास में उन्होंने अहम भूमिका निभाई जिसमें दुबई में आईसीसी क्रिकेट अकादमी के पहले कोचिंग निदेशक के रूप में उनकी भूमिका भी शामिल है।’’ 

आस्ट्रेलिया हाल आफ फेम में भी हुए हैं शामिल

मार्श को 1985 में स्पोर्ट आस्ट्रेलिया हाल आफ फेम में शामिल किया गया। हाल आफ फेम के अध्यक्ष जॉन बरट्रेंड ने कहा कि मार्श बिना डर के अपनी बात रखते थे और उन्होंने युवा क्रिकेटरों की प्रतिभा को पहचाना। 

उन्होंने कहा, ‘‘मार्श ने काफी शिकार किए और कैच मार्श गेंदबाजी लिली टेस्ट क्रिकेट में दिखना आम बात थी। उन्होंने इतिहास रचा। वह जिनके साथ और जिनके खिलाफ खेले वे उनका सम्मान करते हैं। ’’ मार्श के बड़े भाई ग्राहम पेशेवर गोल्फर थे। उनके तीन बेटों में से एक डेन ने तस्मानिया की अगुआई करते हुए टीम को घरेलू प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता शेफील्ड शील्ड में उसका पहला खिताब दिलाया। 

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