विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में कर्नाटक को हराकर पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में जगह पक्की कर ली है। कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए इस बेहद रोमांचक मैच में विदर्भ ने आखिरी दिन गुरुवार को पांच रनों से जीत हासिल की। अब फाइनल में विदर्भ का सामना दिल्ली से होगा। मैच के हीरो विदर्भ के गेंदबाज रजनीश गुरबानी रहे जिन्होंने कुल 12 विकेट निकाले।
कर्नाटक को दूसरी पारी में जीत के लिए 198 रन बनाने थे लेकिन पूरी टीम 192 पर सिमट गई। पांचवें और आखिरी दिन कर्नाटक को जीत के लिए 87 रनों की दरकार थी जबकि उसके सात बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। हालांकि, कर्नाटक के पुछल्ले बल्लेबाजों ने बैकफुट पर जाकर खेलने की बजाय लक्ष्य का पीछा करने का साहस दिखाया।
चौथे दिन के सात विकेट के नुकसान पर 111 रनों से आगे खेलने उतरी कर्नाटक की टीम को दिन का पहला झटका विनय कुमार (36) के रूप में लगा। विनय कुमार और श्रेयष गोपाल अपने खेल से पहले ही साफ कर चुके थे वे रक्षात्मक खेल के मूड में नहीं हैं। विनय कुमार ने 48 गेंदों की पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया। बहरहाल, विनय कुमार के आउट होने का फर्क कर्नाटक की रणनीति पर बिल्कुल नहीं पड़ा और उनके बाद बल्लेबाजी करने उतरे अभिमन्यु मिथुन (33) ने भी तेज हाथ दिखाए और 26 गेंदों की अपनी पारी में पांच चौके जड़ दिए।
मिथुन और श्रेयष गेपाल की बल्लेबाजी के समय ऐसा लगने लगा था कि कर्नाटक जीत हासिल कर लेगा। हांलांकि, कर्नाटक के 189 के स्कोर पर विदर्भ के स्टार गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने एक बार फिर कमाल किया और आखिरी दो बल्लेबाजों मिथुन और श्रीनाथ अरविंद को चलता कर अपनी टीम को इतिहास रचने का मौका दे दिया।
गुरबानी ने पहले पारी के 58वें ओवर में मिथुन को और फिर अपने अगले ही ओवर में अरविंद को (2) को पवेलियन भेजा। श्रेयष गोपाल दूसरे छोर पर 24 रन बनाकर नाबाद ही लौटे। विदर्भ की ओर से गुरबानी ने पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में कर्नाटक के सात बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया।
गौरतलब है कि विदर्भ की टीम पहली पारी में 185 पर आउट हो गई थी जिसके बाद कर्नाटक ने 301 रन बनाकर बड़ी बढ़त हासिल की थी। इसके बाद विदर्भ के बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में 313 रन बनाकर कर्नाटक को 198 रनों का लक्ष्य दिया था। रणजी ट्रॉफी का फाइनल 29 दिसंबर से इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाना है।