कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी आंदोलन पर अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना सहित पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जैसी वैश्विक हस्तियों का ट्वीट क्या आया, भारत से भी बुधवार को कई क्रिकेटर्स और बॉलीवुड सेलिब्रिटिज ने #IndiaAgainstPropganda के साथ ट्वीट करना शुरू कर दिया था। इसमें सचिन तेंदुलकर भी शामिल रहे।
सचिन के ट्वीट के बाद कुछ लोग खासे नाराज दिख रहे हैं। नाराज फैंस ने राहुल द्रविड़ के उस फैसले को सही ठहराना शुरू कर दिया जब उन्होंने सचिन तेंदुलकर को दोहरा शतक पूरा नहीं करने दिया था। बता दें कि रिहाना के ट्वीट पर जवाब देने का ये सिलसिला भारत सरकार की ओर से आई टिप्पणी के बाद शुरू हुई।
किसान आंदोलन के मुद्दे पर किसी का नाम लिए बगैर विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सोशल मीडिया पर बड़ी हस्तियों को जिम्मेदारपूर्व व्यवहार करना चाहिए। इसके बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, सुरेश रैना, अनिल कुंबले समेत कई पूर्व और मौजूदा क्रिकेटर्स ने उन विदेशी हस्तियों को निशाने पर रखकर ट्वीट किया जो भारत में दो महीने से हो रहे किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे हैं।
सचिन के ट्वीट केबाद राहुल द्रविड़ क्यों करने लगे ट्रेंड
दरअसल, टीम इंडिया 2004 में पाकिस्तान के दौरे पर पहुंची थी। मुल्तान में पहले टेस्ट में टीम इंडिया को कप्तान सौरव गांगुली के बिना ही मैदान पर उतरना पड़ा और टीम की कमान राहुल द्रविड़ ने संभाली।
इस मैच में वीरेंद्र सहवाग के तिहरे शतक की बदौलत टीम इंडिया को अच्छी शुरुआत मिली थी। सचिन तेंदुलकर ने भी इस टेस्ट में 194 रन की नाबाद पारी खेली थी।
सचिन तेंदुलकर हालांकि राहुल द्रविड़ के एक फैसले की वजह से अपना दोहरा शतक पूरा नहीं कर पाए थे। सचिन जब ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहे थे तब वो ना सिर्फ राहुल द्रविड़ के फैसले पर हैरान थे बल्कि उन्हें नाराज होते हुए भी देखा गया था। द्रविड़ के फैसले की भी तब खूब आलोचना हुई थी।
दरअसल, भारत का स्कोर चार विकेट के नुकसान पर 675 रन था। युवराज सिंह 59 रन बनाकर आउट हो गए। इस विकेट के गिरने के साथ ही राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी। सचिन तब दूसरे छोर पर 194 रन बनाकर खेल रहे थे और पारी घोषित होने के कारण दोहरा शतक पूरा नहीं कर सके।
करीब 17 साल बाद कई क्रिकेट फैंस द्रविड़ के उसी फैसले को याद कर रहे हैं और सही ठहरा रहे हैं। वैसे बता दें कि द्रविड़ सोशल मीडिया पर नहीं हैं और न हीं उनका कोई बयान या प्रतिक्रिया किसान आंदोलन पर आई है।