वाघा बॉर्डर पर पाक क्रिकेटर हसन अली के 'अजीबोगरीब जश्न' से विवाद, BSF ने जताई नाराजगी

Hasan Ali at Wagah border: पाकिस्तान क्रिकेटर हसन अली के वाघा बॉर्डर की यात्रा पर विवाद खड़ा हो गया है

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: April 22, 2018 11:18 IST2018-04-22T11:18:04+5:302018-04-22T11:18:04+5:30

Pakistan cricketer Hasan Ali bizarre act at Wagah border, BSF to lodge a formal protest | वाघा बॉर्डर पर पाक क्रिकेटर हसन अली के 'अजीबोगरीब जश्न' से विवाद, BSF ने जताई नाराजगी

पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन अली की वाघा बॉर्डर यात्रा पर विवाद

नई दिल्ली, 22 अप्रैल: पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन अली वाघा बॉर्डर पर अपनी यात्रा के दौरान परेड के दौरान अजीबोगरीब हरकत करके विवादों में घिर गए हैं। अली शनिवार को पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के साथ वाघा बॉर्डर पहुंचे थे। लेकिन इस परेड के दौरान उनकी अजीबोगरीब अंदाज में किए ऐक्शन से भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ)  ने नाराजगी जताई है। 

अली फ्लैग लोअरिंग सेरेमनी (झंडा उतारने का समारोह) में पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ सेना परेड के दौरान उनके साथ खड़े होकर सैनिकों के अंदाज में ही ऐक्शन करने लगे। भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अली के इस अंदाज पर कड़ी आपत्ति जताई है और उसने पाकिस्तानी सेना को इस बारे में आधिकारिक शिकायत की है। 

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो में हसन अली को झंडा उतारने के समारोह के दौरान पाकिस्तानी सेना के परेड के दौरान उनके बीच में पहुंचकर पाक सेना के जवानों के अंदाज में जश्न मनाते, भारतीय सेना के जवानों को फैंस की तरफ इशारा करते हुए जांघे ठोकने और अपने डांस के अंदाज में अपने दोनों हाथ उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान सिविलियन ड्रेस पहने एक व्यक्ति अली को वहां से वापस ले जाते हुए दिख रहा है। 


हैरानी की बात है ये है कि हसन अली 40 सेकेंड तक ये सब करते रहे लेकिन पाकिस्तानी सेना के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। इस समारोह के दौरान सिर्फ सेना के जवान ही परफॉर्म कर सकते हैं। 

बीएसएफ ने हसन अली के इस कृत्य पर नाराजगी जताई और उनके इंस्पेक्टर जनरल मुकुल गोयल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'इस कार्य ने परेड की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। हम पाकिस्तानी सेना को अपना विरोध दर्ज कराएंगे। दोनों ओर से कोई भी व्यअर्स गैलरी से कैसे भी आक्रामक इशारे कर सकता है लेकिन कोई भी आम नागरिक परेड में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। परेड से पहले ये परेड के बाद में, लोग ऐसा करने के लिए आजाद हैं, लेकिन परेड के बीच में नहीं।' 

दोनों देशों के आम नागरिक दर्शक दीर्घा से इस समारोह को देखने जाते हैं, जिसमें दोनों देशों की सेनाएं जोरदार नारों और जोश और उत्साह से भरपूर परेड करती हैं।

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