धोनी पेंटहाउस अलॉटमेंट रद्द न करने के लिए पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, 20 लाख में मिला था 1.25 करोड़ रुपये का फ्लैट

MS Dhoni: एमएस धोनी आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और उन्हें बेहद कम कीमत में मिले पेंटहाउस के अलॉटमेंट को रद्द न करने की अपील की है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 28, 2019 12:24 PM

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एमएस धोनी ने सुप्रीम कोर्ट में उनके द्वारा 2009 में नोएडा के सेक्टर-45 में खरीदे गए पांच बीएचके पेंटहाउस के अलॉटमेंट को रद्द न किए जाने के लिए अपील दायर की है। विवादों में घिरी आम्रपाली समूह द्वारा बनाए गए इस प्रोजेक्ट में पांच बीएचके (5800 स्क्वैयर फीट) के पेंटहाउस को धोनी ने 20 लाख रुपये में खरीदा था, जबकि उसकी मार्केट कीमत 1.25 करोड़ रुपये थी। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त फोरेंसिक ऑडिटर्स रवि भाटिया और पवन कुमार ने अपनी जांच में पाया था कि धोनी उन 655 खरीदारों में शामिल हैं, जिन्हें आम्रपाली के प्रोजेक्ट में एकदम सस्ती कीमतों में फ्लैट्स दिए गए थे। ऑडिटर्स ने धोनी से आम्रपाली ग्रुप के साथ उनके वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी मांगी थी।

धोनी ने आम्रपाली ग्रुप पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप

इस पेंटहाउस के आवंदन रद्द होने के डर से अब धोनी ने सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए अलग से अपील दायर करते हुए कहा है कि आम्रपाली ग्रुप से न तो उनको और न ही उनके परिवार को किसी तरह का फंड्स मिला है। धोनी ने तर्क दिया है कि फ्लैट की (कम) कीमत को इस संदर्भ में देखा जाना चाहिए कि आम्रपाली का ब्रैंड ऐंबैसडर होने के नाते इस ग्रुप पर उनका करोड़ों रुपये का बकाया है और फ्लैट में मिली छूट उनके इसी बकाए की वजह से थी। 

ऑडिटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कुछ फैल्ट्स एक रुपये प्रति स्क्वैयर फीट की बेहद कम कीमत में बेचे गए जबकि करोड़ रुपये का बेहिसाब पैसा आम्रपाली ग्रुप के अन्य प्रोजेक्टस में निवेश किया गया। डेवलपर्स ने कागज पर फ्लैट्स 'एकदम कम कीमत' में बेचे लेकिन खरीदारों से 159 करोड़ रुपये कालेधन के रूप में कैश में ले लिए।

अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि वह ऐसे फ्लैट्स का आवंटन रद्द कर सकता है और उनकी नीलामी करते हुए इन पैसों को आम्रपाली के कई हाउसिंग प्रोजेक्टस को पूरा करने में निवेश करता है, तो एमएस धोनी अपने पेंटहाउस के अलॉटमेंट को रद्द न किए जाने की अपील लेकर कोर्ट पहुंचे हैं।

करीब 46 हजार खरीदारों ने आम्रपाली के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में निवेश किया है और पैसा दिए जाने के बावजूद उन्हें स्वामित्व नहीं मिला है।

इससे पहले भी धोनी ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ उनकी ब्रैंडिग और मार्केटिंग के एवज में 40 करोड़ रुपये का भुगतान न करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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