टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी, जो भारतीय सेना के मानद लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं, प्रादेशिक सेना (Territorial Army) की पैराशूट रेजिमेंट में अपनी यूनिट के साथ 31 जुलाई से 15 अगस्त तक अपनी सेवा देंगे।
धोनी 'विक्टर फोर्स' के एक हिस्से के रूप में कश्मीर घाटी में यूनिट के साथ रहेंगे। साथ ही ये भी स्पष्ट किया गया है कि धोनी इस दौरान पेट्रोलिंग, गार्ड और पोस्ट ड्यूटी भी करेंगे और सेना के साथ ही रहेंगे।
धोनी की सुरक्षा को लेकर सेना प्रमुख का बयान
एमएस धोनी एक नागरिक हैं और गुरुवार को कश्मीर घाटी में सेना के साथ उनकी ट्रेनिंग की खबरें आने के बाद से ही उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है।
इस मुद्दे पर सेना प्रमुख जनर बिपिन रावत ने एनडीटीवी से कहा है कि धोनी सेना के साथ अपनी सेवाओं को निभाने के लिए अच्छी तरह सुज्जित हैं और वह किसी अन्य सैनिक की तरह ही लोगों की सुरक्षा करेंगे।
जनरल रावत ने कहा, 'जब देश का कोई नागरिक सेना की वर्दी पहनना चाहता है तो उसे उन जिम्मेदारियों को निभाने के लिए भी तैयार रहना होता है, जिसके लिए उसे ये वर्दी सौंपी गई है।'
जनरल रावत ने कहा, 'वास्तव में वह अन्य लोगों की सुरक्षा कर रहे होंगे क्योंकि अब वह 106 प्रादेशिक सेना बटालियन (पैरा) के साथ ट्रेनिंग करेंगे। यह बहुत ही अच्छी बटालियन है और ये कम्युनिकेशन ड्यूटी, सुरक्षा का निर्वाहन करती है।'
सेना प्रमुख ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमें उनकी सुरक्षा करने की जरूरत है, वास्तव में वह नागरिकों की सुरक्षा करेंगे और सेना को उनके कार्य पर भरोसा है।'
उन्होंने कहा कि धोनी पेट्रोलिंग, गार्ड और पोस्ट ड्यूटी की जिम्मेदारी निभाएंगे और किसी अन्य सैनिक की तरह ही रहेंगे।
एमएस धोनी ने सेना के साथ वक्त बिताने के लिए क्रिकेट से दो महीने का ब्रेक लिया है।
धोनी 2015 में आगरा ट्रेनिंग कैंप में भारतीय सेना के विमान से पांच पैराशूट ट्रेनिंग जंप लगाने के बाद एक प्रशिक्षित पैराट्रूपर बने थे।