भारत की अंडर-19 टीम का स्टार गेंदबाज चाहता है मां छोड़ दे बस कंडक्टर की नौकरी, पढ़ें इमोशनल स्टोरी

अथर्व जब 10 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया था और मां ही परिवार को चला रही हैं।

By सुमित राय | Published: February 07, 2020 2:41 PM

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ठळक मुद्देअथर्व की मां मुंबई में नागरिक परिवहन विभाग में एक बस कंडक्टर हैं।अथर्व ने अब तक आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया है।वर्ल्ड कप में अथर्व के प्रदर्शन और उनकी सफलता से उनकी मां काफी खुश हैं।

भारतीय अंडर-19 टीम ने आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड के फाइनल में जगह बना ली है। टीम इंडिया की ओर से बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज अथर्व अंकोलेकर ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन उनको इस बात का दुख है कि दिसंबर में हुई आईपीएल नीलामी में उनका चयन नहीं हुआ था।

दरअसल, दिसंबर में हुई आईपीएल नीलामी में अथर्व का नाम 20 लाख रुपये की बेस प्राइस पर 971 खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल किया गया था, लेकिन किसी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने का अनुभव नहीं होने के चलते उनका चयन फाइनल लिस्ट में नहीं हुआ था।

अथर्व ने अब तक आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया है और तीन मैचों में चार विकेट लेने के अलावा एक अर्धशतक भी लगा चुके हैं। अथर्व ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में अर्धशतकीय पारी खेली थी और नाबाद 55 रन बनाए थे। अथर्व ने इससे पहले जूनियर एशिया कप के फाइनल में भी अच्छा प्रदर्शन किया था।

बता दें कि अथर्व अंकोलेकर का यहां तक का सफर आसान नहीं था, इसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। अथर्व जब 10 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया था और मां ही परिवार को चला रही हैं। उनकी मां मुंबई में नागरिक परिवहन विभाग में एक बस कंडक्टर हैं। अंकोलेकर चाहते हैं कि वह कुछ ऐसा करें जिससे उनकी मां को यह नौकरी नहीं करनी पड़े। आईपीएल में नाम आने के बाद अथर्व ने अपनी मां से नौकरी छोड़ने के लिए कहा था।

वर्ल्ड कप में अथर्व के प्रदर्शन और उनकी सफलता से उनकी मां काफी खुश हैं। अथर्व की मां का कहना है कि भारत अगर रविवार को फाइनल जीतता है तो यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। इस जीत से अथर्व को भविष्य के लिए आत्मविश्वास मिलेगा।

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए अथर्व की मां ने कहा, 'जब दिसंबर में आईपीएल में अथर्व का चयन नहीं हुआ तो वह थोड़ा दुखी था, लेकिन आईपीएल हर साल आता है। अंडर 19 विश्व कप खेलने का मौका जीवन में केवल एक बार मिलेगा। इस विश्व कप में भारत के सभी खिलाड़ियों के पास अपने करियर को आकार देने का सही प्लेटफॉर्म है।'

अथर्व के कोच प्रशांत शेट्टी का कहना है कि असफलता का डर अथर्व जैसे किसी भी खिलाड़ी के बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए घर और परिवार की मदद बहुत आवश्यक है। क्रिकेट खेलने वाले को हमेशा डर लगता है कि अगर वह सफल नहीं हुआ तो क्या होगा।

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