नई दिल्ली, 4 सितंबर। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मुकाबला काफी रोमांचक होता, लेकिन जब यह मैच वर्ल्ड कप में हो तो यह रोमांच और ज्यादा बढ़ जाता है। यह बात 1992 विश्व कप की है जब भारत और पाकिस्तान आमने सामने थे। मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा था और भारतीय विकेटकीपर किरन मोरे को चिढ़ाने के लिए पाकिस्तानी बल्लेबाज जावेद मियांदाद अजीबो-गरीब हरकत करने लगे थे। (किरन मोरे का जन्म 4 सितंबर 1962 को गुजरात के बड़ौदा में हुआ था। मोरे के जन्मदिन के मौके पर हम बता रहे हैं उनसे जुड़ी एक घटना के बारे में।)
4 मार्च 1992 को खेले गए इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन उसका यह फैसला गलत साबित हुआ और उसने 25 के स्कोर पर ही अपना पहला विकेट गंवा दिया। इसके बाद अजय जडेजा (46) ने पारी को संभाला और कप्तान अजहरुद्दीन के साथ मिलकर 61 रनों की साझेदारी की। भारत ने सचिन तेंदुलकर (नाबाद 54) और कपिल देव (35) की पारियों की मदद से निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 216 रन बनाए।
इसके बाद बारी पाकिस्तान की आई, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने 17 रन के भीतर दो पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया। इसके बाद विकेट पर आए जावेद मियांदाद। उन्होंने ओपनर आमिर सोहेल के साथ मिलकर पारी को संभाला और भारत की मुश्किलें बढ़ा दी।
जावेद और सोहेल विकेट पर जम गए और 80 रन की साझेदारी कर चुके थे, लेकिन धीमी रन गति के कारण मियांदाद काफी परेशान दिख रहे थे। भारतीय टीम अपील कर उन पर दबाव बना रही थी। मैच में 25वें ओवर में सचिन तेंदुलकर गेंदबाजी करने आए और स्ट्राइक पर थे मियांदाद।
तेंदुलकर की लेग साइड के बाहर जाती गेंद को मियांदाद ने छेड़ने का प्रयास किया। जिस पर विकेटकीपर किरण मोरे ने जोरदार अपील की, लेकिन अंपायर ने आउट देने से इनकार कर दिया। किरन मोरे की अपील के बाद मियांदाद का गुस्सा फूट पड़ा। सचिन अगली गेंद फेंकने के लिए रन-अप ले चुके थे, लेकिन उनको बीच में ही रोक दिया गया।
वजह थे मियांदाद, जो किरन मोरे की आवाज से परेशान थे। मियांदाद ने मोरे से पूछा, 'दिक्कत क्या है?' उन दोनों की इसके बाद लगभग 15 सेकंड बात हुई, जिसके बाद मियांदाद ने अंपायर डेविड शेफर्ड से शिकायत की। किरन मोरे ने अंपायर की ओर ऐसा इशारा किया, जैसे उन्हें कुछ मालूम ही नहीं था।
इसके बाद तेंदुलकर ने अगली गेंद डाली और मियांदाद ने मिड ऑफ की ओर गेंद मारी। वो रन लेने के लिए दौड़े, लेकिन बीच से ही वापस आ गए। मोरे ने गेंद से गिल्लियां उड़ा दी थी, लेकिन मियांदाद क्रीज में पहुंच गए थे। इसके बाद मियांदाद ने बैट दोनों हाथों में पकड़ा और उछाल मारने लगे।
दरअसल, मियादांद किरन मोरे की आउट करने की अपील की नकल उतारने की एक कोशिश कर रहे थे। हालांकि मोरे ने मियांदाद की इस हरकत पर कोई भी संकेत देना सही नहीं समझा। इसके बाद भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने मियांदाद पर कड़ी सजा देने की मांग की। मैदान पर मौजूद अंपायर डेविड शेफर्ड ने मियांदाद और मोरे को समझाकर मैच खेलने की हिदायत दी।
इस मैच में मियांदाद 40 रन बनाकर आउट श्रीनाथ की गेंद पर बोल्ड हो गए और अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाए। भारत ने इस मैच को 43 रनों से जीत लिया। इस मैच में 54 रनों की नाबाद पारी खेलने वाले सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया था।