'नाराज' एमएस धोनी 'नो बॉल' विवाद में मैदान में पहुंच अंपायरों पर भड़के, मिली ये 'सजा'

MS Dhoni: चेन्नई और राजस्थान के बीच गुरुवार को खेले गए आईपीएल 2019 के मैच के दौरान एक नो बॉल फैसले को लेकर एमएस धोनी मैदान में पहुंचकर अंपायरों से भिड़े

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 12, 2019 10:16 AM

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आईपीएल 2019 में गुरुवार को तब एक और विवाद देखने को मिला जब राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच मैच के दौरान एमएस धोनी ने चौंकाने वाले कदम उठाते हुए मैदान में पहुंच गए और एक गेंद को नो बॉल न दिए अंपायरों से जमकर बहस की। 

चेन्नई ने इस मैच में आखिरी गेंद पर छक्का लगाते हुए राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 4 विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की। 

धोनी पर लगा मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना

धोनी को अंपायरों से बहस करना भारी पड़ा और उन पर आईपीएल की आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उनकी मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया। आईपीएल द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 'चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान एमएस धोनी को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ उनकी टीम के मैच के दौरान आईपीएल आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उनकी मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया है। धोनी ने आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट के लेवल 2 का अपराध 2.20 को माना और सजा स्वीकार कर ली।'   

चेन्नई के पारी के आखिरी ओवर में नो बॉल विवाद पर भड़के धोनी

एमएस धोनी राजस्थान के खिलाफ अपनी टीम को आखिरी ओवर में कमर से ऊपर से ऊंचाई की एक गेंद को स्ट्राइकर पर मौजूद अंपायर द्वारा नो बॉल देने और फिर लेग साइड के अंपायर द्वारा नो बॉल खारिज किए जाने से नाराज थे और वह काफी गुस्से में बाउंड्री लाइन क्रॉस करते हुए अंपायरों से इस फैसले पर नाराजगी जताने पहुंचे थे। 

धोनी ने बाउंड्री लाइन के बाहर से भी जताई थी नाराजगी

उन्होंने दोनों अंपायरों से गेंद को नो बॉल न दिए जाने को लेकर जोरदार बहस की। हालांकि धोनी को डग आउट में वापस लौटना पड़ा और अंपायरों ने इस गेंद को वैध मानते हुए इसे नो बॉल करार नहीं दिया।  

आखिरी ओवर में सीएके को चाहिए थे 18 रन, फिर हुआ नो बॉल विवाद

ये घटना चेन्नई की पारी के आखिरी ओवर में हुई, जिसमें उसे राजस्थान के खिलाफ जीत के लिए 18 रन की जरूरत थी। राजस्थान के लिए आखिरी ओवर फेंकने आए बेन स्टोक्स की पहली ही गेंद पर रवींद्र जडेजा ने छक्का जड़ दिया। दूसरी गेंद नो बॉल थी, जिस पर एक रन बना, अगली गेंद पर धोनी ने दो रन लिए। लेकिन ओवर की तीसरी गेंद पर चेन्नई ने धोनी का विकेट गंवा दिया, जिससे उसके सामने जीत के लिए 3 गेंदों में 8 रन का लक्ष्य हो गया। 

बेन स्टोक्स ने ओवर की चौथी गेंद मिशेल सैंटनर को लो फुल टॉस फेंकने की कोशिश की, लेकिन गेंद कमर से ज्यादा की ऊंचाई की फुल टॉस बन गई। हालांकि अंपायर उल्हास गांधे ने इस गेंद को नो बॉल करार देने के लिए अपना हाथ उठाया था, लेकिन स्क्वैयर लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड ने इसे नो बॉल नहीं माना। इसी देखकर बाउंड्री के के बाहर खड़े धोनी ने गुस्से में अपना हाथ ऊपर उठाया।

नॉन स्ट्राइकर ऐंड पर मौजूद रवींद्र जडेजा ने सबसे पहले गांधे से नो बॉल निर्णय का विरोध किया। जडेजा अंपायरों से बहस कर ही रहे थे कि नाराज धोनी बाउंड्री पार करते हुए अंपायरों के पास जा पहुंचें और इस बात का इशारा करते दिखे की गांधे ने पहले गेंद को नो बॉल दिया था। 

लेकिन धोनी के विरोध के बावजूद अंपायरों ने अपना फैसला नहीं बदला और इस फैसले का मतलब था कि चेन्नई को आखिरी दो गेंदों पर जीत के लिए 6 रन की जरूरत थी। पांचवीं गेंद पर सैंटनर ने दो रन लिए, जो वाइड थी। आखिरी गेंद पर चेन्नई को तीन रन की जरूरत थी और सैंटनर ने स्टोक्स के खिलाफ छक्का जड़ते हुए चेन्नई को 4 विकेट से रोमांचक जीत दिला दी।

टॅग्स :एमएस धोनीआईपीएल 2019चेन्नई सुपर किंग्सइंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)राजस्थान रॉयल्सरवींंद्र जडेजा

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