इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें सीजन के शुरुआत होने में कुछ दिन बचे हैं। आईपीएल 2018 की शुरुआत 7 अप्रैल को मुंबई में ओपनिंग सेरेमनी के साथ होगी। आईपीएल पहला मैच 7 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला जाएगा। आईपीएल का फाइनल मैच इस बार फिर मुंबई में ही खेला जाएगा, जो 27 मई को होगा। आईपीएल के दसवें सीजन का फाइनल भी मुंबई में खेला गया था। वानखेड़े स्टेडियम आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस का होम ग्राउंड है और अपने साल घरेलू मैच इसी ग्राउंड पर खेलेगी।
कैसे पड़ा इस स्टेडियम का नाम
इस स्टेडियम को साल 1974 में स्थापित किया गया था और 1975 में पहला मैच आयोजित किया गया था। वानखेड़े स्टेडियम का नाम राजनेता सेशराव कृष्णराव वानखेड़े के नाम पर रखा गया है, जो एक बेहतरीन क्रिकेट प्रबंधक भी थे। (यह भी पढ़ें- IPL 2018: ये हैं आईपीएल में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले 10 बल्लेबाज, लिस्ट में 3 इंडियन भी शामिल)
1975 के बाद कई यादगार लम्हें
1975 में पहले मैच की मेजबानी से लेकर आज तक मुंबई के इस ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम ने क्रिकेट फैंस को अनेक यादगार लम्हें दिए हैं। 2011 का वर्ल्ड कप फाइनल हो, सचिन तेंदुलकर का विदाई मैच हो या फिर 2016 टी-20 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला। (यह भी पढ़ें- IPL 2018: क्या रोहित शर्मा की कप्तानी फिर करेगी कमाल, जानें मुंबई इंडियंस की क्या है ताकत)
कम हो गई दर्शकों के बैठने की क्षमता
वानखेड़े स्टेडियम दर्शकों की क्षमता के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम था और शुरुआत में यहां 45000 दर्शकों के बैठने के क्षमता थी, लेकिन 2011 वनडे वर्ल्ड कप के लिए हुए स्टेडियम के रेनोवेशन के बाद ये क्षमता घटकर 33,108 की रह गई। (यह भी पढ़ें- IPL 2018: क्या धोनी करा पाएंगे चेन्नई का कमबैक, जानिए टीम की ताकत और कमजोरी)
वानखेड़े स्टेडियम के रिकॉर्ड
रवि शास्त्री ने रणजी ट्रॉफी में इसी ग्राउंड पर एक ओवर में छह छक्के लगाने का कारनामा किया था। छक्के खाने वाले गेंदबाज बड़ौदा के तिलक राज थे। इन छक्कों की मदद से रवि शास्त्री ने साल 84-85 में सबसे तेज दोहरा शतक बनाया था। यह भी पढ़ें- IPL 2018: क्या अश्विन की कप्तानी का चलेगा पंजाब पर जादू, जानें टीम की ताकत और कमजोरी)
वनडे और टी 20 मुकाबलों के लिए वानखेडे स्टेडियम की ऐसी छवी बनी है जहां बल्लेबाजों के लिए तेजी से रन बनाना आसान है। बांग्लादेश ने इस मैदान पर एक दिवसीय मैच का न्यूनतम स्कोर बनाया है। साल 1998 में बांग्लादेश की टीम भारत के खिलाफ खेलते हुए 115 रन पर ऑल आउट हो गयी थी।
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