खेल जगत को लगा गहरा सदमा, कैंसर के चलते भारतीय महिला खिलाड़ी की मौत

पूर्णिमा पिछले दो साल से कैंसर से पीड़ित थीं। उपचार के बाद वह इस बीमारी से लगभग उबर चुकी थीं लेकिन...

By भाषा | Published: June 22, 2020 4:09 PM

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ठळक मुद्देपूर्व भारतीय निशानेबाज पूर्णिमा जनेन का निधन।पूर्णिमा कैंसर से लड़ रही थीं 2 सालों से जंग।

कैंसर से पीड़ित पूर्व भारतीय निशानेबाज पूर्णिमा जनेन का निधन हो गया है जिसके बाद ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा सहित देश के निशानेबाजी जगत ने उनके असमय निधन पर शोक जताया है। पूर्णिमा 42 साल की थीं।

अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) से लाइसेंस धारक कोच पूर्णिमा पिछले दो साल से कैंसर से पीड़ित थी और उनका उपचार चल रहा था। पूर्व भारतीय निशानेबाजी जॉयदीप करमाकर के अनुसार उपचार के बाद वे इस बीमारी से लगभग उबर गई थीं।

पूर्णिमा राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं।

शिव छत्रपति खेल पुरस्कार से सम्मानित: पूर्णिमा ने कई आईएसएसएफ विश्व कप, एशियाई चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के अलावा अन्य टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। दस मीटर एयर राइफल में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक पूर्णिमा कोचिंग से जुड़ी और महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें शिव छत्रपति खेल पुरस्कार से सम्मानित किया।

2 साल पहले बीमारी का पता चला: दो साल पहले केरल में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान कैंसर से पीड़ित पाई गईं पूर्णिमा ने अपने करियर की शुरुआत मुंबई में की लेकिन फिर पुणे चली गईं। उनका जन्म नांदेड़ में हुआ था।

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने पूर्णिमा के निधन पर शोक जताया है।

खेल जगत ने जताया शोक: एनआरएआई ने बयान में कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ अपनी अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज और कोच पूर्णिमा जनेन के काफी कम उम्र में असमय निधन पर शोक व्यक्त करता है। पूर्णिमा एयर राइफल निशानेबाजी थी और उन्होंने पूर्णिमा गवाहने के नाम से कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।’’

बीजिंग ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा कि इस निशानेबाजी की कमी खलेगी। बिंद्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘भगवान आपकी आत्मा को शांति दे पूर्णिमा। आपकी कमी खलेगी।’’ करमाकर ने ट्वीट किया, ‘‘पुरानी मित्र पूर्णिमा के अचानक निधन पर बेहद स्तब्ध हूं। हमारी दोस्ती जूनियर निशानेबाजी के दिनों से है। लेकिन हम एक दिन, कहीं दोबारा मिलेंगे, हंसता हुआ चेहरा और हंसती हुई आंखें।’’

टॅग्स :निशानेबाजीअभिनव बिंद्राकॉमनवेल्थ गेम्स

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