जोधपुर, 22 मार्च। विवादित ट्वीट के कारण जोधपुर की एक निचली अदालत ने हार्दिक पंड्या पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है, लेकिन यह ट्वीट हार्दिक पंड्या के ऑफिशियर ट्विटर अकाउंट से नहीं किया गया था। बल्कि इसे फर्जी ट्विटर अकाउंट द्वारा किया गया था। बता दें कि 26 दिसंबर, 2017 को बीआर अंबेडकर पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
एडवोकेट डीआर मेघवाल ने कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि हार्दिक पंड्या ने 26 दिसंबर, 2017 को ट्विटर पर एक पोस्ट डालकर बीआर अंबेडकर के खिलाफ अपशब्द कहे थे और दलित समुदाय के लोगों की भावनाओं को आहत किया था।
फर्जी अकाउंट से किया गया था ट्वीट
हार्दिक पंड्या का ऑफिशियल अकाउंट @hardikpandya7 है, जबकि कोर्ट ने जिस आधार पर पंड्या पर केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं वो @sirhardik3777 से ट्वीट किया गया था।
मेघवाल के मुताबिक पंड्या ने ट्वीट किया था, 'कौन आंबेडकर? वह व्यक्ति जिसने देश के संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया या फिर वह जिसे देश को आरक्षण नाम की बीमारी दे दी।' खुद को राष्ट्रीय भीम सेना का सदस्य बताने वाले मेघवाल ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके जैसे क्रिकेटर ऐसी टिप्पणी कर संविधान का अपमान किया है।
मेघवाल ने कहा, 'जनवरी में सोशल मीडिया के जरिए मुझे हार्दिक पंड्या की टिप्पणी के बारे में जानकारी मिली। यह अंबेडकर जैसी हस्ती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी थी। इसके अलावा यह समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाली थी।'
मेघवाल का कहना है कि इस मामले में वह पहले जोधपुर के लूणी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए गए थे, लेकिन लूणी थानेदार ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि इतने बड़े खिलाड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते।
बता दें कि हार्दिक पंड्या को 7 अप्रैल से शुरू हो रहे आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलना है और वो इसकी तैयारियों में जुटे हैं। इस साल के आईपीएल के लिए मुंबई इंडियंस ने नीलामी से पहले हार्दिक पंड्या को 11 करोड़ रुपये में रिटेन किया था।