जोहांसबर्ग के वांडर्स स्टेडियम में खेले गए चौथे वनडे मैच में साउथ अफ्रीका ने भारतीय टीम के विजयी रथ को रोकते हुए 5 विकेट से हरा दिया। बारिश से प्रभावित इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट के नुकसान पर 289 रन बनाए थे। डकवर्थ लुईस नियम के हिसाब से संशोधित लक्ष्य (28 ओवर में 202) को मेजबान टीम ने पांच विकेट खोकर 15 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया। इसी के साथ साउथ अफ्रीका ने 'पिंक वनडे' में कभी नहीं हारने का रिकॉर्ड कायम रखा।
क्या है पिंक वनडे और क्यों होता है आयोजित
'पिंक वनडे का आयोजन ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए किया जाता है, जिसको 2013 से ही आयोजित किया जा रहा है। साउथ अफ्रीका का पिंक वनडे में कभी नहीं हारने का रिकॉर्ड है, जो इस मैच में भी कायम रहा।
बारिश के कारण दो बार रोकना पड़ा मैच
इस मैच में बारिश के कारण मैच को करीब दो बार रोकना पड़ा। पहली बार मैच को तब रोका गया, जब भारतीय टीम ने 34.2 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 200 रन बना लिए थे। हालांकि 52 मिनट के बाद जब मैच शुरू हुआ तब ओवर कम नहीं किया गया। हालांकि बारिश ने एक बार फिर मैच में बाधा डाली, जब दक्षिण अफ्रीका ने 7.2 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 43 रन बना लिए थे। इसके बाद अंपायरों ने मैच को 50 ओवरों से घटा के 28 ओवरों का कर दिया था और मेजबान टीम को 290 रनों के लक्ष्य के बजाए 202 रनों का संशोधित लक्ष्य दिया था।
डेविड मिलर और क्लासन रहे जीत के हीरो
साउथ अफ्रीका की जीत में सबसे बड़ा योगदान हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर (39 रन ) का रहा। मिलर ने युजवेन्द्र चहल के नोबॉल पर आउट होने के बाद खेल को पूरी तरह बदल कर रख दिया। उन्होंने 32 गेंद की अपनी पारी में 5 चौके और 3 छक्के लगाए। चौथे विकेट के रूप में डीविलियर्स (26) के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने उतरे हेनरिक क्लासन ने 27 गेंद पर नाबाद 43 रनों की पारी खेल टीम को रोमांचक जीत दिला दी। भारत की ओर से कुलदीप ने दो जबकि बुमराह,पांड्या और चहल को एक-एक सफलता मिली।
एक बार फिल फ्लॉप हुए रोहित शर्मा
इससे पहले भारतीय टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन टीम इंडिया का शुरुआत खराब रही और रोहित शर्मा (5) 20 के कुल स्कोर पर कागिसो रबादा की गेंद पर उन्हीं को कैच दे बैठे। इसके बाद कप्तान और धवन ने टीम को शुरुआती झटके से उबारा। दोनों ने पिछले मैच की ही तरह इस मैच में मेजबान टीम के गेंदबाजों को आसानी से खेला।
धवन-कोहली ने खेली शानदार पारी
सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (109) तथा कप्तान विराट कोहली (75) जब तक विकेट पर थे लग रहा था कि मेहमान टीम 300 के पार आसानी से जाएगी, लेकिन इन दोनों के आउट होने के बाद भारत 50 ओवरों में सात विकेट पर 289 रनों पर ही रुक गया। अंत में महेंद्र सिंह धोनी ने 43 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से 42 रनों की पारी खेल टीम को सम्मानजनक प्रदान किया।
क्रिस मॉरिस ने रोकी विराट कोहली की पारी
पिछले मैच और इस मैच में अंतर यह रहा कि उस मैच में कोहली ने शतक जड़ा था और इस मैच में धवन ने। 178 के कुल स्कोर पर क्रिस मॉरिस ने डेविड मिलर की सहायता से कोहली की 83 गेंदों में सात चौके और एक छक्के की मदद से खेली गई पारी का अंत किया।
100वें मैच में धवन ने पूरा किया शतक
इसी बीच धवन ने अपने वनडे करियर का 13वां शतक पूरा किया। यह धवन के करियर का 100वां वनडे मैच था और इसे यादगार बनाने के लिए उन्होंने शतक जड़ दिया। वह 100वें वनडे में शतक जमाने वाल भारत के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। वहीं धवन 100वें वनडे मैच में शतक जमाने वाले बल्लेबाजों की सूची में नौवें नंबर पर आ गए हैं।
बारिश के बाद लड़खड़ाई भारतीय पारी
घवन का शतक पूरा होने के कुछ ही देर बाद खराब मौसम के कारण मैच को रोकना पड़ा। हालांकि कुछ देर बाद मैच फिर शुरू हुआ और यहां से घवन अपने खाते में सिर्फ दो रन ही जोड़ सके। उन्हें मोर्ने मोर्केल ने अब्राहम डिविलियर्स के हाथों कैच कराया। धवन ने अपनी शतकीय पारी में 105 गेंदों का सामना किया और 10 चौकों के अलावा दो छक्के लगाए।
श्रेयस अय्यर ने अच्छा प्रयास किया
धवन और कोहली के जाने के बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गई और मेजबान टीम ने लगातार विकेट लेने शुरू कर दिए। अजिंक्य रहाणे आठ रनों का ही योगदान दे सके। श्रेयस अय्यर (22) ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन लुंगी नगिड़ी की गेंद पर एक बड़ा शॉट मारने के प्रयास में वह सीमा रेखा के पास मौरिस के हाथों लपके गए।
अंत तक टिके रहे महेंद्र सिंह धोनी
हार्दिक पांड्या (9) का खराब फॉर्म इस मैच में भी जारी रहा। भुवनेश्वर कुमार पांच रन बनाकर रन आउट हुए। अंत तक धोनी ने टीम को संभाला और टीम को एक अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से लुंगी एंगीडी और रबादा ने दो-दो विकेट लिए। क्रिस मॉरिस, मोर्ने मोर्केल को एक-एक विकेट मिला।
(IANS से इनपुट)