बर्मिंघम, 03 अगस्त: टीम इंडिया ने एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन गुरुवार को इंग्लैंड के पहली पारी के 287 रन के जवाब में विराट कोहली के 22वें टेस्ट शतक की बदौलत 274 रन बनाए। भारतीय बल्लेबाजों की नाकामी के बीच कोहली ने एक छोर मजबूती से थामते हुए इंग्लैंड की धरती पर अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा। कोहली ने 225 गेंदों में 22 चौकों और एक छक्के की मदद से 149 रन की जोरदार पारी खेली और 2014 के दौरे में पांच टेस्ट मैचों में सिर्फ 134 रन बनाने की नाकामी को पीछे छोड़ दिया।
कोहली की इस पारी में रक्षात्मकता और आक्रामकता दोनों का मिश्रण था। एक समय ऐसा भी आया जब जेम्स एंडरसन की आग उगलती गेंदों के सामने लगातार 26 गेंदों में कोई रन नहीं बना पाए। लेकिन 8 विकेट गिरने के बाद आखिरी दो बल्लेबाजों इशांत और उमेश के साथ मिलकर उन्होंने 92 रन जोड़े और इसमें इशांत और उमेश का योगदान सिर्फ 6 रन का था।
जब भारतीय टीम ने एक रन बनाने के लिए खेली 21 गेंदें और गंवाए दो विकेट
लेकिन भारतीय पारी के दौरान एक बड़ी ही रोचक घटना घटी और 100 रन से 101 रन तक पहुंचने में भारत को 21 गेंदों का वक्त लग गया। इसकी शुरुआत दूसरे दिन लंच के बाद 27.3 ओवर में भारत के 100 रन पूरे होने के बाद हुई। इसके बाद एंडरसन और स्टोक्स की अगली 22 गेंदों में भारत सिर्फ एक रन बना पाया और इस दौरान भारत को दो झटके लगे। पहले 100 के ही स्कोर पर अजिंक्य रहाणे 15 रन बनाकर स्टोक्स की गेंद पर जेनिंग्स के हाथों कैच आउट हुए और फिर स्टोक्स के अगले ओवर में दिनेश कार्तिक बिना खाता खोले बोल्ड हो गए।
भारत का खतरा यहीं नहीं टला। एंडरसन के अगले ओवर में कोहली स्लिप में लगभग आउट ही हो गए थे लेकिन डेविड मलान उनका कैच नहीं पकड़ पाए। इसी ओवर में हार्दिक पंड्या को भी स्लिप में एलेस्टेयर कुक ने जीवन दान दे दिया और इस बीच पंड्या और कोहली ने सिंगल दौड़ लिया जो 21 गेंद, 18 मिनट, 2 विकेट गिरने और दो जीवनदान के बाद भारत का पहला रन था।
इंग्लैंड के लिए भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेल रहे सैम कूरन ने सबसे अधिक 4 विकेट झटके जबकि आदिल राशिद, जेम्स एंडरसन और बेन स्टोक्स ने 2-2 विकेट लिए।