मध्यक्रम की नाकामी से चिंतित भारत मंगलवार को यहां बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले विश्व कप मैच में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की करने के लिए अंतिम एकादश में कुछ बदलाव कर सकता है। बांग्लादेश को सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए इस मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी और ऐसे में वह अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
बांग्लादेश को पहली बार अंतिम चार में पहुंचने के लिए अपने दोनों मैच जीतने होंगे। इंग्लैंड के हाथों हार के बाद भारत को अगले मैच की तैयारियों के लिए बहुत कम समय मिला है। उसका सामना अब उस टीम से जिसके पास शाकिब अल हसन के रूप में नंबर एक ऑलराउंडर है।
महेंद्र सिंह धोनी का फिनिशर के रूप में खराब प्रदर्शन और मध्यक्रम की नाकामी से भारत के कमजोर पक्ष खुलकर सामने आ गये हैं। इंग्लैंड के खिलाफ भारत आखिरी पांच ओवर में केवल 39 रन बना पाया, जबकि धोनी और जाधव क्रीज पर थे। बड़े शॉट लगाने में उनकी नाकामी से अधिक उनका प्रयास नहीं करना ज्यादा चर्चा का विषय बना। टीम प्रबंधन हालांकि अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी के समर्थन में खड़ा है और ऐसे में गाज जाधव पर गिर सकती है, जिससे जडेजा की टीम में जगह बनाने की संभावना मजबूत हो गई है। इसके पीछे मुख्य तर्क यह है कि जाधव की तुलना में जडेजा छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अच्छे शॉट जमा सकते हैं। उनकी बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी रनों पर अंकुश लगा सकती है और क्षेत्ररक्षण में तो उनका कोई जवाब नहीं है।
एजबेस्टन मैदान का आकार प्रकार भी बदलाव का कारण बन सकता है, जिसमें एक तरफ की बाउंड्री 60 मीटर से भी कम है। इंग्लैंड के जैसन रॉय, जॉनी बेयरस्टॉ और बेन स्टोक्स ने कलाईयों के स्पिनर चहल और कुलदीप यादव के खिलाफ रिवर्स स्वीप का अच्छा इस्तेमाल करके इसका पूरा फायदा उठाया था। ऐसी परिस्थितियों में तमीम इकबाल, शाकिब, मुशफिकुर रहीम, लिट्टन दास और महमुदुल्लाह जैसे स्पिन को अच्छी तरह से खेलने वाले बल्लेबाजों के सामने कलाईयों के दो स्पिनरों को उतारना जोखिम भरा हो सकता है।
भुवनेश्वर कुमार फिट हैं और चयन के लिए उपलब्ध हैं और इस तरह से भारत टूर्नामेंट में पहली बार तीन मुख्य तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकता है। चहल को विश्व कप में भारत की तरफ से सबसे खराब गेंदबाजी (दस ओवर में 88 रन, कोई विकेट नहीं) करने के बाद बाहर बैठना पड़ सकता है। बांग्लादेश के खिलाफ भुवनेश्वर को शामिल करने से निचले क्रम की बल्लेबाजी को भी मजबूती मिलेगी।
भारत के लिए महत्वपूर्ण यह है कि बांग्लादेश की गेंदबाजी इंग्लैंड की तरह धारदार नहीं है तथा वे शाकिब पर बहुत अधिक निर्भर हैं, जिन्होंने टूर्नामेंट में अब तक 476 रन बनाने के अलावा दस विकेट भी लिए हैं। गेंदबाजी बांग्लादेश का कमजोर पक्ष है और विराट कोहली ऐसे में सपाट पिच पर पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेंगे। बांग्लादेश की सबसे बड़ी चिंता उसके कप्तान मशरफे मुर्तजा हैं जिन्होंने छह मैचों में अब तक एक विकेट लिया है।
टीम इस प्रकार है:
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, केएल राहुल, हार्दिक पंड्या, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), केदार जाधव, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, जसजीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, रविंद्र जडेजा, दिनेश कार्तिक, ऋषभ पंत।
बांग्लादेश: मशरफे मुर्तजा (कप्तान), तमीम इकबाल, सौम्य सरकार, शाकिब अल हसन, मुशफिकुर रहीम (विकेटकीपर), महमूदुल्लाह रियाद, शब्बीर रहमान, मेहदी हसन मिराज, मोसादेक हुसैन, मोहम्मद सैफुद्दीन, मुस्तफिजुर रहमान, रूबेल हुसैन, लिट्टन कुमार दास, अबू जायद, मोहम्मद मिथुन।