CWC 2019: डर था कि ऑस्ट्रेलिया के लिये फिर कभी शतक नहीं बना पाऊंगा: डेविड वॉर्नर

David Warner: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने कहा है कि बॉल टैम्परिंग विवाद से बाद उन्हें डर था कि वह ऑस्ट्रेलिया के लिए कभी शतक नहीं लगा पाएंगे

By भाषा | Published: June 13, 2019 4:55 PM

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टॉन्टन, 13 जून: डेविड वॉर्नर को गेंद से छेड़खाने के मामले में प्रतिबंध लगने के बाद डर सता रहा था कि वह फिर कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं लगा पाएंगे लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में यहां 107 रन बनाकर यह डर खुद से मीलों दूर भगा दिया। इस विस्फोटक सलामी बल्लेबाज ने एक साल प्रतिबंध झेलने के बाद स्टीवन स्मिथ के साथ सफल वापसी की है।

वॉर्नर की पारी से ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार को इस मैच में 41 रन से जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि इस पारी से उन्हें खुशी और राहत दोनों मिल रही है क्योंकि एक समय वह सोचा करते थे कि क्या कभी उनके जीवन में ऐसा क्षण फिर कभी आएगा। बायें हाथ के इस बल्लेबाज से पूछा गया कि क्या कभी उन्हें लगा कि इंग्लैंड के खिलाफ दिसंबर 2017 में बाक्सिंग डे टेस्ट में लगाया गया शतक ऑस्ट्रेलिया की तरफ से उनका आखिरी सैकड़ा हो सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘हां, निश्चित तौर पर। मेरे दिमाग में हमेशा यह बात घूमती रहती थी।’’

वॉर्नर ने कहा, ‘‘इससे ही मुझे जितना संभव हो सके फिट बने रहने, विभिन्न टी20 टूर्नामेंटों में अधिक से अधिक रन बनाने के लिये प्रेरणा मिलती रही। मैंने वास्तव में ग्रेड क्रिकेट खेलने का पूरा लुत्फ उठाया। मैंने उस मुश्किल दौर में खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिये बेहतर स्थिति में रखा।’’ वॉर्नर प्रतिबंध के दौरान किसी तरह की चर्चा में आने से बचते रहे लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने खुलकर बातें की और अपनी पत्नी कैंडाइस का भी आभार व्यक्त किया जो इस मुश्किल दौर में उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी रही।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे चुना जाता तो मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी समय वापसी करने के लिये तैयार था। जिन चीजों के कारण खुद को जीवंत बनाये रख पाया वह मेरी पत्नी और दोनों बच्चे थे। मुझे अपने परिवार से बहुत ज्यादा समर्थन मिला। घर में मेरी पत्नी, वह मेरा मजबूत पक्ष है। वह अविश्वसनीय, अनुशासित और निस्वार्थ है।’’

वॉर्नर ने कहा, ‘‘उसे बहुत श्रेय जाता है। वह कभी हार नहीं मानने वाली महिला है। उसने पहले 12 सप्ताह में मुझे कई बार घर में बैठे रहने के बजाय दौड़ने और अभ्यास करने के लिये प्रेरित किया। अगर मैं अपनी फिटनेस और कड़ी मेहनत के स्तर को बनाये रख पाया तो इसका श्रेय उसे जाता है।’’

अफगानिस्तान और भारत के खिलाफ धीमी पारियां खेलने के बाद वार्नर ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने नैसर्गिक अंदाज में बल्लेबाजी की। उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के खिलाफ मुझे लग रहा था कि मैं लय में नहीं हूं। पिछले मैच (भारत के खिलाफ) मैं वैसा नहीं खेला जैसा मैं खेल सकता हूं। इसलिए यह शतक लगाने से थोड़ा राहत मिली है। भारत के खिलाफ मैंने कई शॉट क्षेत्ररक्षकों के पास लगाये और तब आपको लगता है कि आप लय में नहीं हो।’’ 

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