जामिया प्रदर्शन को लेकर अपने ट्वीट पर बोले इरफान पठान, 'सबसे पहले भारतीय हूं, कभी नफरत का एक शब्द नहीं कहा'

Irfan Pathan: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज इरफान पठान ने जामिया के प्रदर्शन को लेकर अपने ट्वीट की आलोचना पर दिया जवाब

By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 18, 2019 09:01 AM2019-12-18T09:01:46+5:302019-12-18T09:03:52+5:30

I have never tweeted even one word of hate: Irfan Pathan over his tweet on Jamia Protest | जामिया प्रदर्शन को लेकर अपने ट्वीट पर बोले इरफान पठान, 'सबसे पहले भारतीय हूं, कभी नफरत का एक शब्द नहीं कहा'

इरफान पठान ने जामिया प्रदर्शन को लेकर अपने ट्वीट पर अपना पक्ष रखा है

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Highlightsइरफान पठान ने कहा, 'मैंने कभी नफरत फैलाने वाला एक शब्द भी नहीं कहा'इरफान ने कहा कि जामिया और दूसरे संस्थान के बच्चे हमारे हैं, इस देश का भविष्य हैं

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के विरोध प्रदर्शन और पुलिस के साथ झड़प को लेकर ट्वीट करने के बाद आलोचकों के निशाने पर आए तेज गेंदबाज इरफान पठान ने इस मामले पर अपना पक्ष रखा है।

पठान ने कहा है कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपना पक्ष इसलिए रखा ताकि छात्रों के जीवन को कोई नुकसान न पहुंचने पाए, क्योंकि वह देश का भविष्य हैं। 

इरफान ने अपने ट्वीट को लेकर हो रही आलोचना पर कहा कि उन्होंने कभी भी नफरत फैलाने वाला संदेश नहीं दिया है और वह अमन और शांति की बहाली ही चाहते हैं। 

इरफान ने जामिया को लेकर अपने ट्वीट की आलोचना का दिया जवाब

जामिया के छात्रों के प्रदर्शन का मुद्दे उठाने को लेकर हो रही आलोचना पर इरफान पठान ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में 2004 में पाकिस्तान दौरे पर हुई एक घटना का उदाहरण दिया। 

मुस्लिम होकर भी भारत के लिए क्यों खेलते हैं? पाकिस्तान में दिया था जवाब: पठान

उन्होंने कहा, '2004 में पाकिस्तान के उस दौरे पर राहुल द्रविड़, लक्ष्मीपति बालाजी और पार्थिव पटेल के साथ मैं लाहौर के एक कॉलेज में गया। सवाल-जवाब के सेशन में, जिसमें 1500 छात्रों ने हिस्सा लिया था, में एक लड़की उठी और लगभग गुस्से में पूछा, आप मुस्लिम होने के बावजूद भारतके लिए क्यों खेलते हैं? मैं उठा और कहा कि मैं भारत के लिए खेलकर कोई अहसान नहीं कर रहा हूं। ये मेरा देश है और मैं इसका प्रतिनिधित्व करके सौभाग्यशाली, गौरवान्वित और सम्मानित हूं। ये मेरा देश है, जहां से मेरे पूर्वज हैं, उस बात पर उस कॉलेज में सभी ने तालियां बजाई थीं।' 

जब भारत के लिए गेंदबाजी करता था, तो ये नहीं सोचता था कि मुस्लिम हूं: पठान

इरफान ने कहा, 'अगर मैं ये बात पाकिस्तान में खुले में सीन ठोंक कर बोल सकता हूं, तो मुझे अपने ही देश में मैं जो महसूस करता हूं उसे कहने के लिए किसी की इजाजत नहीं चाहिए। मैंने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है। कुछ लोगों को ये समझना चाहिए। जब मैं भारत के लिए गेंदबाजी करने के लिए दौड़ता था तो ये नहीं सोचा कि मैं मुस्लिम हूं। बाकी किसी भी चीज से पहले मैं मैं पहले भारतीय हूं।' 

#JamiaProtest”इरफान ने अपने ट्वीट को लेकर हो रही आलोचना पर कहा, 'और मैंने क्या कहा? मैंने अपने ट्वीट में कहा, 'राजनीतिक दोषारोपण हमेशा जारी रहेगा लेकिन हमारा देश जामिया मिलिया के छात्रों को लेकर (प्रदर्शन) से चिंतित है।'

जामिया ही नहीं, हर संस्थान के बच्चे हमारे: पठान 

इरफान ने कहा, 'जब किसी तर्क के दो पक्ष होते हैं और दोनों मजबूत होते हैं, मैं इसके बारे में ट्वीट नहीं करता हूं। यहां, मुद्दा अलग था। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीक से विरोध प्रदर्शन मूलभूत अधिकार हैं। मैं चाहता था कि ध्यान वहां जाए और किसी भी तरह के जान माल की क्षति न हो, स्थिति खराब न हो। ये बच्चे हैं, हमारा भविष्य।' 

इरफान ने पूछा, 'क्या जामिया के बच्चे हमारे नहीं हैं? क्या आईआईएम के बच्चे हमारे नहीं है, क्या नॉर्थ ईस्ट के बच्चे हमारे नहीं हैं? क्या कश्मीर और गुजरात के बच्चे हमारे नहीं हैं? ये सभी हमारे बच्चे हैं। मैंने सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें देखी और तथ्यों की जांच के बाद छात्रों को लेकर अपनी चिंता जताने का फैसला किया। फिर चाहे वे जामिया से हों या आईआईएम से या फिर किसी और संस्थान के, वे हमारे भविष्य हैं, जो देश को आगे ले जाएंगे।' 

कभी नफरत का एक शब्द भी नहीं कहा: इरफान

इरफान ने देश के वर्तमान राजनीतिक हालात की आलोचना करते हुए कहा, जब हमारे देश के राजनीतिक हालात की बात आती है, तो पहले ये रोटी, कपड़ा और मकान होता था। इसके बाद ये विकास हुआ। जब तब इसमें धर्म आ जाता है। लेकिन याद रखिए ज्यादातर लोग भलाई और विकास चाहते हैं।  

इरफान ने कहा, 'नफरत मत फैलाइए। हमें अपने दिमाग में सकारात्मकता रखने की जरूरत है। पहले ऐसा नहीं था, अब नफरत का संदेश, हर जगह है, आप फोन खोलिए भर और आपको इसके संदेश भरे मिल जाएंगे। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी बुद्धिमानी के लिए शांत रहे और सकारात्मकता और प्यार फैलाएं।' 

इरफान ने कहा कि उन्होंने पैसा ईमानदारी और कड़ी मेहनत से कमाया है। उन्होंने कहा, 'अगर कोई कहता है कि मैंने कभी नफरत का एक शब्द भी ट्वीट किया, तो अभी सोशल मीडिया छोड़ दूंगा। इस देश से मुझे बहुत प्यार मिला है और ये हमेशा कायम रहेगा।'

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