हार्दिक पंड्या और केएल राहुल के रविवार को प्रसारित हुए टीवी चैट शो कॉफी विद करण में की गई महिला विरोधी टिप्पणियों के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस शो में की गई टिप्पणियों के लिए हुई कड़ी आलोचना के बाद बीसीसीआई ने बुधवार को इन दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे का समय दिया था।
लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक सीओए प्रमुख विनोद राय इस नोटिस के जवाब में इन दोनों क्रिकेटरों द्वारा दिए जवाब से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने गुरुवार को इन दोनों पर दो वनडे मैचों का बैन लगाने की सिफारिश की है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विनोद राय ने कहा, 'मैं हार्दिक पंड्या के जवाब से संतुष्ट नहीं हूं और मैं दोनों खिलाड़ियों के लिए दो मैचों का बैन लगाने की सिफारिश करता हूं।'
राय ने कहा, 'हालांकि इस मामले में आखिरी फैसला सीओए की एक और सदस्य डायना एडुल्जी की अनुमति के बाद लिया जाएगा। डायना ने इस मामले में कानूनी सलाह ली है कि इन दोनों पर बैन लगाया जा सकता है या नहीं। उनकी अनुमति के बाद इस मामले में आखिरी फैसला लिया जाएगा। जहां तक मेरी बात है तो टिप्पणियां मूर्खतापूर्ण और अस्वीकार्य थीं।'
बीसीसीआई द्वारा जारी नोटिस का जवाब देते हुए हार्दिक पंड्या ने कहा था 'मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि इसमें मेरा इरादा किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह से आहत करने या समाज के किसी भी वर्ग को किसी भी तरह खराब तरीके से पेश करने का नहीं था। मैंने ये बयान शो के दौरान बातचीत करते हुए दे दिये और मुझे नहीं पता था कि इन बयानों को आपत्तिजनक पाया जायेगा।'
इससे पहले इस शो के प्रसारण के बाद अपनी टिप्पणियों पर हुए विवाद के बाद हार्दिक पंड्या ने ट्विटर पर बयान जारी करते हुए माफी मांग ली थी। पंड्या ने लिखा है, 'ईमानदारी से कहूं, मैं शो के नेचर से थोड़ा बहक गया था। किसी भी तरीके से मेरा उद्देश्य किसी की भावना का अपमान करना या आहत करना नहीं था।'
पंड्या ने शो के दौरान कई महिलाओं से शारीरिक संबंध बनाने को लेकर डींगे हांकी थी कि उन्होंने कहा था कि इसे लेकर उनके पैरेंट्स भी काफी खुले विचार के हैं।
शो में ये पूछे जाने पर कि उन्होंने क्लब में महिलाओं के नाम क्यों नहीं लिए, पंड्या ने कहा, 'मैं ये देखना और निहारना पसंद करता हूं कि वे (महिलाएं) कैसे चलती हैं। मैं थोड़ा ब्लैक साइड से हूं इसलिए मेरे लिए ये देखना जरूरी होता है कि वे कैसे चलती हैं।'
पंड्या की इन टिप्पणियों को लेकर लोगों ने उनकी कड़ी आलोचना की थी और इसके बाद ही बीसीसीआई ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था।