नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2021 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में जुझारू पारी के लिए पहचाने जाने वाले हनुमा विहारी ने 2025-26 के घरेलू सत्र में आंध्र प्रदेश छोड़कर त्रिपुरा के लिए खेलने का फैसला किया है। ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ के अनुसार विहारी ने 2025-26 सत्र के लिए त्रिपुरा के तीन पेशेवर खिलाड़ियों में से एक के रूप में टीम के साथ करार किया है। वह एक साल के अनुबंध पर टीम में शामिल हुए हैं जिसे आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है। विहारी ने कहा कि खेल के तीनों प्रारूपों में खेलने की इच्छा के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है।
2023-24 के रणजी अभियान के बाद राज्य क्रिकेट संघ के साथ सार्वजनिक विवाद के बाद आंध्र में ऐसा मौका मिलने की संभावना नहीं थी। इकतीस साल के विहारी ने कहा, ‘‘मैं अन्य अवसरों को लेकर उत्सुक था क्योंकि मेरा मानना है कि मैं तीनों प्रारूपों में खेलने के लिए पर्याप्त अच्छा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र ने स्पष्ट कर दिया था कि वे टी20 प्रारूप के लिए युवाओं पर विचार कर रहे हैं।
इसलिए मैंने फैसला किया कि 50 ओवर के प्रारूप में भी खेलना उचित नहीं है और मैं विजय हजारे ट्रॉफी से भी बाहर रहा। मैं नए माहौल में भी खेलना चाहता था।’’ भारत की ओर से पिछली बार 2022 में टेस्ट खेलने वाले विहारी ने 2023-24 सत्र के बाद राज्य संघ पर पक्षपात का आरोप लगाया था और कई दूसरी टीम से जुड़ने की कोशिश की थी।
विहारी ने कहा, ‘‘पिछले दो सत्र से मैं बाहर जाने की बात कर रहा था (वह मध्य प्रदेश के साथ बातचीत कर रहे थे) लेकिन मैं रुका रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि मेरे आसपास की परिस्थितियों और मेरे अपने क्रिकेट की स्थिति को देखते हुए किसी उभरती हुई टीम के साथ अनुबंध करने का यह सबसे अच्छा समय था।
इस साल उन्होंने मेरे से संपर्क किया और मुझे लगा कि यह एक चुनौती होगी जिसे स्वीकार करना चाहिए।’’ इंग्लैंड के खिलाफ 2018 में ओवल में पदार्पण टेस्ट में अर्धशतक जड़ने वाले विहारी ने 2021 में अब संन्यास ले चुके रविचंद्रन अश्विन के साथ अटूट साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच ड्रॉ हराया था जब भारत 407 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए 272 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद संकट में था। भारत सिडनी में मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रहा और उसके बाद ब्रिसबेन में अगले टेस्ट में जीत के साथ श्रृंखला अपने नाम की।
विहारी ने 16 टेस्ट मैच में 33.56 की औसत से 839 रन बनाए जिसमें 111 रन उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने अब तक 131 मैच में 24 शतक की मदद से 49.92 की औसत से 9500 से अधिक रन बनाए हैं जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 302 रन है।