हरभजन सिंह ने की चाइनीज सामान पर बैन की मांग, भड़क उठा चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स

पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे, जिसके बाद हरभजन सिंह ने चाइनीज सामान बैन करने की मांग की...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: June 19, 2020 12:14 PM2020-06-19T12:14:32+5:302020-06-19T12:14:32+5:30

Chinese mouthpiece targets Harbhajan Singh as 'boycott' call grows in India | हरभजन सिंह ने की चाइनीज सामान पर बैन की मांग, भड़क उठा चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स

सैनिकों के शहादत के बाद भारत में चीन विरोधी माहौल है।

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Highlightsचीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद।हरभजन सिंह ने की चाइनीज सामान बैन करने की मांग।

पूर्वी लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और भारतीय सेना के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। इससे टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह काफी भड़के उठे और उन्होंने सोशल मीडिया पर चाइनीज प्रोडक्ट बैन करने की अपील तक कर दी।

हरभजन सिंह की इस अपील से चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स को मिर्ची लगी है। अखबार के संपादक हु शीजिन ने ट्वीट करके हरभजन सिंह पर आरोप लगाया है।

शीजिन ने लिखा, "चीन उस दौर से काफी आगे निकल आया है, जिसमें सेलिब्रिटीज विदेशी सामान के बहिष्कार की बात करते हैं। यह 'प्रभावी' व्यक्ति भारत के सबसे मशहूर स्पोर्टस स्टार में गिना जाता है। और यहां यह महान भारतीय संस्कृति की नकारात्मक और पिछड़ी छवि पेश कर रहा है।"

भज्जी बोले बॉयकॉट चाइनीज प्रोडक्ट: भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने इस बीच चाइनीज सामान को बैन करने तक की अपील कर दी है। हरभजन सिंह ने इस ट्वीट को #BoycottChineseProducts के साथ शेयर करते हुए लिखा- "बैन ऑल चाइनीज प्रोडक्ट।"

हरभजन सिंह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा,  "शरीर एवं राष्ट्र.... दोनों को स्वस्थ रखने का एक ही उपाय है, चीनी बंद, शरीर के लिए "देसी गुड़" और राष्ट्र के लिए देसी Goods"

चीनी सेना को भी नुकसान: पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है। सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के सैनिक भी “उसी अनुपात में” हताहत हुए हैं। 

1967 के बाद सबसे बड़ी झड़प: वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे। इस क्षेत्र में दोनों तरफ नुकसान ऐसे वक्त हुआ है जब सरकार का ध्यान कोविड-19 संकट से निपटने पर लगा हुआ है।

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