बेस ने कहा, भारत में जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहने के बाद क्रिकेट से नफरत करने लगा था

By भाषा | Published: April 25, 2021 2:09 PM

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लंदन, 25 अप्रैल इंग्लैंड के आफ स्पिनर डॉम बेस ने खुलासा किया है कि इसी साल भारत के टेस्ट दौरे के दौरान लंबे समय तक जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहने के बाद वह क्रिकेट से नफरत करने लगे थे।

बेस चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दो मैचों में खेले और उन्हें सिर्फ पांच विकेट मिले। भारत ने यह श्रृंखला 3-1 से जीती। चेन्नई में पहले टेस्ट में इंग्लैंड की जीत में मदद करने के बाद बेस को अंतिम एकादश से बाहर कर दिया गया। उन्होंने अहमदाबाद में अंतिम टेस्ट के लिए टीम में वापसी की लेकिन पारी की हार के दौरान उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।

भारत में लगभग सात हफ्ते जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में गुजारने के बाद 23 साल के बेस अब काउंटी सत्र में हिस्सा ले रहे हैं और यॉर्कशर की ओर से खेलते हुए फॉर्म में वापसी की कोशिशों में जुटे हैं।

ईएसपीएनक्रिकइंफो ने बेस के हवाले से कहा, ‘‘भारत दौरे के बाद मैंने अच्छा ब्रेक लिया क्योंकि मैं क्रिकेट से नफरत करने लगा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बेहद दबाव में था, निश्चित तौर पर भारत में जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के दौरान, उस दौरान काफी दबाव था और मेरे लिए यह काफी अहम था कि वापस आकर मैं इससे दूर हो जाऊं।’’

भारत से लौटने के बाद बेस ने दो से तीन हफ्ते का ब्रेक लिया और इस दौरान लीड्स में अपने नए घर में अपनी प्रेमिका और पालतू कुत्ते के साथ समय बिताया।

बेस ने कहा, ‘‘उन्हें देखकर अच्छा लगा और इससे (क्रिकेट से) दूर रहना, क्योंकि भारत में जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में क्रिकेट ही सब कुछ था। जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हो तो ठीक है लेकिन जब चीजें सही नहीं होती तो फिर काफी मुश्किल हो जाती हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भारत में जो हुआ उसे मैं सकारात्मक पक्ष के रूप में देखता हूं। यह काफी मुश्किल समय था लेकिन मेरे लिए सीखने के लिहाज से महत्वपूर्ण। इस नजरिये से भी कि मैं अपने खेल को कहां देखता हूं, मुझे पता है कि मुझे क्या करना है।’’

काउंटी चैंपियनशिप के पहले दो दौर में सीमित सफलता के बाद बेस ने अपने नए क्लब की ओर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए होव में ससेक्स के खिलाफ तीसरे दिन पहली बार पांच विकेट चटकाए।

बेस ने कहा कि उन्होंने भारत में कुछ कड़े सबक सीखे और उनका मानना है कि इससे दीर्घकाल में इंग्लैंड की टीम के साथ सफलता हासिल करने की संभावना में सुधार में मदद मिलनी चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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