यूपीसीए में भ्रष्टाचार की जांच करेगा बीसीसीआई, युवा क्रिकेटर ने लगाए थे गंभीर आरोप

बीसीसीआई की भष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) ने कहा कि वे उस कथित रिश्चत प्रकरण की जांच करेंगे, जिसका खुलासा स्टिंग ऑपरेशन में हुआ।

By भाषा | Published: July 19, 2018 4:06 PM

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नई दिल्ली, 19 जुलाई। बीसीसीआई की भष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) ने कहा कि वे उस कथित रिश्चत प्रकरण की जांच करेंगे, जिसका खुलासा स्टिंग ऑपरेशन में हुआ। इस स्टिंग में दावा किया गया था कि आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला के निजी स्टाफ के एक सदस्य ने खिलाड़ियों के चयन के लिए रिश्वत की मांग की।

उत्तर प्रदेश के एक हिन्दी न्यूज चैनल ने शुक्ला के कार्यकारी सहायक अकरम सैफी और क्रिकेटर राहुल शर्मा की कथित बातचीत का प्रसारण किया था, जिसमें सैफी राज्य टीम में राहुल के चयन को सुनिश्चित करने के लिए 'नगदी और दूसरी चीजों' की मांग कर रहा है। शुक्ला फिलहाल उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के सचिव भी हैं।

बीसीसीआई के एसीयू प्रमुख अजीत सिंह ने कहा कि हमने इस स्टिंग से जुडे़ सारे मामले की जांच करेंगे। हम चैनल से ऑडियो की मांग करेंगे और इससे जुड़े खिलाड़ी से भी बात करेंगे। जब तब हम इससे जुड़े लोगों से बात नहीं कर लेते, कुछ भी कहना मुश्किल है।

शर्मा ने कभी भारतीय या राज्य की टीम का प्रतिनिधित्व नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की टीम में शामिल करने के लिए सैफी ने उनसे घूस की मांग की थी। उन्होंने सैफी पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र भी जारी करने का आरोप लगया। वहीं सैफी ने सभी आरोपों को खारिज किया है।

यूपीसीए के संयुक्त सचिव युद्धवीर सिंह ने चयन में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। यूपीसीए में हम चयन को लेकर काफी पारदर्शिता बरतते हैं। मैं किसी की निजी बातचीत पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकता हूं, क्योंकि यह दो लोगों के बीच का मामला है।

उन्होंने कहा कि मैंने राहुल शर्मा की जांच की है और यह पाया कि वह कभी भी राज्य की टीम में शामिल होने का दावेदार नहीं रहा है। उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। इन आरोपों पर शुक्ला ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि बीसीसीआई ने सैफी से किसी भी तरह से जुड़े होने से इंकार कर दिया। बोर्ड ने हालांकि माना कि सैफी को वेतन उनकी तरफ से दिया जाता है। 

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीसीसीआई सिर्फ अपने प्राधिकारियों के निजी सहायकों के लिए राशि मुहैया करता है। अधिकारी अपने पसंद के कार्यकारी सहयोगी रखने को स्वतंत्र हैं और उनका वेतन हमारे कोष से दिया जाता है। बोर्ड का निजी स्टाफ से कोइ लेना देना नहीं है।

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और उत्तर प्रदेश के कप्तान रहे मोहम्मद कैफ ने कहा कि वह ऐसे आरोपों से स्तब्ध हैं। उन्होंने इसकी जांच की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट में भ्रष्टाचार के स्तर से स्तब्ध हूं। युवा खिलाड़ियों से घूस मांग कर उनके कौशल को प्रभावित किया जा रहा है। उम्मीद है कि राजीव शुक्ला इसकी निष्पक्ष जांच करवाएंगे और युवा खिलाड़ियों को न्याय मिलने के अलावा उत्तर प्रदेश क्रिकेट की प्रतिष्ठा बहाल होगी। हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले कैफ की कप्तानी में उत्तर प्रदेश ने 2005-06 में अपना पहला रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था।

टॅग्स :बीसीसीआईराजीव शुक्ला

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