सीनियर पुरुष चयन समिति के अध्यक्ष बने अजीत अगरकर, जानिए उनसे जुड़े अनचाहे रिकॉर्ड के बारे में

अजीत अगरकर ने लॉर्ड्स में टेस्ट शतक लगाया था और उन्होंने 2004 में एडिलेड में खेले गए मैच में छह विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया में भारत की टेस्ट जीत में अहम भूमिका निभाई थी। वनडे में किसी भारतीय बल्लेबाज के सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड अब भी उनके नाम है।

By मनाली रस्तोगी | Published: July 05, 2023 10:59 AM

Open in App
ठळक मुद्देअगरकर ने 26 टेस्ट और चार टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के अलावा 191 वनडे मैच खेले हैं।वह 1999, 2003 और 2007 वनडे विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे।वह 2007 विश्व टी20 विजेता भारतीय टीम में भी शामिल थे।

नई दिल्ली: भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को सीनियर चयन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया। वह चयन पैनल में पांचवें सदस्य होंगे जिसमें शिव सुंदर दास, सलिल अंकोला, सुब्रतो बनर्जी और एस शरथ शामिल हैं। उनके स्थान पर पहला एजेंडा वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 अगस्त से शुरू होने वाले पांच टी20 मैचों के लिए टीम इंडिया टीम का चयन होगा।

कौन हैं अजीत अगरकर?

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज ने 1996-97 में सौराष्ट्र के खिलाफ मुंबई के लिए पदार्पण किया। अगरकर ने 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय मैच में टीम इंडिया में पदार्पण के बाद तत्काल प्रभाव डाला। अगरकर ने 26 टेस्ट और चार टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के अलावा 191 वनडे मैच खेले हैं। वह 1999, 2003 और 2007 वनडे विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे। वह 2007 विश्व टी20 विजेता भारतीय टीम में भी शामिल थे। 

अगरकर ने लॉर्ड्स में टेस्ट शतक लगाया था और उन्होंने 2004 में एडिलेड में खेले गए मैच में छह विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया में भारत की टेस्ट जीत में अहम भूमिका निभाई थी। वनडे में किसी भारतीय बल्लेबाज के सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड अब भी उनके नाम है। उन्होंने 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 21 गेंदों में अर्धशतक बनाया था।

टेस्ट में शून्य पर आउट होने का अनचाहा रिकॉर्ड

अजीत अगरकर ने 1998 सीज़न में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। लेकिन 1999-2000 सीजन में बल्ले से ऑस्ट्रेलिया का दौरा एक बुरे सपने जैसा था। अजीत अगरकर ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे पर तीन टेस्ट मैचों में लगातार सात बार शून्य पर आउट हुए। तब टीम इंडिया सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में 3-0 से सीरीज हार गई। हालांकि, उन्होंने अगले ऑस्ट्रेलिया टूर पर खुद को साबित भी किया। 

अगरकर ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में 2007 टी20 विश्व कप जीतने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अगरकर ने 2012-13 सीज़न में मुंबई की कप्तानी की, जिससे उन्हें 40वां रणजी ट्रॉफी खिताब मिला, और अगले घरेलू सीजन की शुरुआत से पहले उन्होंने सभी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने मुंबई क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता के रूप में भी काम किया।

अगरकर ने फातिमा से शादी की

अजीत अगरकर ने 2002 में फातिमा घडियाली से शादी की। उनकी मुलाकात फातिमा के भाई मजहर घडियाली से हुई, जो मुंबई घरेलू सर्किट में एक क्रिकेटर थे। अगरकर ने अपने माता-पिता की मंजूरी के बिना 2002 में एक निजी समारोह में फातिमा से शादी कर ली। उनकी शादी में केवल करीबी दोस्तों को ही आमंत्रित किया गया था लेकिन भारत के पूर्व तेज गेंदबाज ने 9 फरवरी 2002 को एक रिसेप्शन का आयोजन किया, जिसमें टीम इंडिया के अधिकांश क्रिकेटरों को भी आमंत्रित किया गया था। दंपति का एक बेटा है जिसका नाम राज है।

टॅग्स :अजीत अगरकरबीसीसीआई
Open in App

संबंधित बातम्या

क्रिकेट अधिक बातम्या