अभिलाष खांडेकर निर्विरोध चुने गए मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष

उपाध्यक्ष पद पर रमणीक सिंह सलूजा और सह सचिव पद पर सिद्धियानी पाटनी अकेले उम्मीदवार होने से निर्विरोध चुने गये। एमपीसीए के चुनावों में कुल 280 में से 221 वोट पड़े।

By भाषा | Updated: October 2, 2019 22:40 IST2019-10-02T22:40:16+5:302019-10-02T22:40:16+5:30

abhilash khandekar unopposed elected new chairman of mpca | अभिलाष खांडेकर निर्विरोध चुने गए मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष

अभिलाष खांडेकर निर्विरोध चुने गए मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष

मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) में पूर्व अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे का दबदबा बरकरार रहा, जब बुधवार को हुए चुनावों में खेल संस्था के सभी 19 पदों पर इस पैनल के उम्मीदवार विजयी घोषित किये गये। एमपीसीए की वार्षिक आम सभा के दौरान हुए चुनावों में वरिष्ठ पत्रकार अभिलाष खांडेकर को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया।

चुनावों में एमपीसीए अध्यक्ष पद पर केवल खांडेकर ने पर्चा भरा था। एमपीसीए सचिव पद के लिये बेहद कशमकश भरे चुनावी मुकाबले में संजीव राव ने अमिताभ विजयवर्गीय को 17 वोटों से हराया। एमपीसीए कोषाध्यक्ष पद पर हुए चुनावों में पवन जैन ने प्रेम पटेल को 78 वोट से मात दी। उपाध्यक्ष पद पर रमणीक सिंह सलूजा और सह सचिव पद पर सिद्धियानी पाटनी अकेले उम्मीदवार होने से निर्विरोध चुने गये। एमपीसीए के चुनावों में कुल 280 में से 221 वोट पड़े।

एमपीसीए के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन साल का होगा। एमपीसीए अध्यक्ष समेत 14 पदों पर सिंधिया खेमे के उम्मीदवारों के खिलाफ कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरा था और पांच अन्य पदों पर हुई चुनावी टक्कर में भी इसी गुट के लोगों ने जीत हासिल की।

इस बीच, सिंधिया ने एमपीसीए चुनावों में सभी विजयी उम्मीदवारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे क्रिकेट संगठन में आपसी सद्भाव और सहयोग की परंपरा आगे भी बरकरार रहेगी।" गौरतलब है कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया और संजय जगदाले सरीखे वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासकों को एमपीसीए के अपने अहम ओहदे जनवरी 2017 में छोड़ने पड़े थे क्योंकि दोनों को इस संगठन की प्रबंध समिति के अलग-अलग पदों पर रहते नौ साल से अधिक का समय हो गया था। नतीजतन वे लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक इस संगठन में पद संभालने के लिये अपात्र हो गये थे।

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