आकाश चोपड़ा का चौंकाने वाला खुलासा, कहा, 'इंग्लैंड में मुझे करना पड़ा था नस्लवाद का सामना, कुछ खिलाड़ी 'पाकी' कहकर बुलाते थे'

Aakash Chopra: पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने दावा किया है कि इंग्लैंड में लीग क्रिकेट के दौरान उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा था और पाकी कहकर बुलाया जाता था

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: June 11, 2020 10:11 IST

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ठळक मुद्देआकाश चोपड़ा का दावा, उन्हें इग्लैंड में लीग क्रिकेट के दौरान करना पड़ा था नस्लवाद का सामनाआकाश चोपड़ा ने कहा कि इंग्लैंड में कुछ खिलाड़ी उन्हें पाकी कहकर बुलाते थे

पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने खुलासा किया है कि इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलने के दौरान उन्हें नस्लवाद का शिकार होना पड़ा था। चोपड़ा का ये बयान वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर डेरेन सैमी के आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद में उनके साथ हुए नस्लीय भेदभाव के आरोपों के बाद आया है।

आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि इंग्लैंड में एक लीग मैच के दौरान दो दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी उनके खिलाफ लगातार अपमानजनक टिप्पणियां करते रहे थे।

इंग्लैंड में मुझे 'पाकी' कहकर बुलाते थे: आकाश चोपड़ा

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, चोपड़ा ने कहा, 'हम (क्रिकेटर्स) कभी न कभी नस्लवाद के शिकार रहे हैं। मुझे याद है कि जब मैं इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेला करता था तो एक विपक्षी टीम में दो दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी थे और वे दोनों लगातार अपमानजनक टिप्पणियों करते रहते थे। यहां तक कि अगर मैं नॉन स्ट्राइकर एंड पर भी होता था, तब भी वह मेरी जान के पीछे पड़े रहते थे। वे लोद लगातार मुझे 'पाकी' बुलाते थे।'

चोपड़ा ने कहा, 'कई लोग सोचेंगे कि पाकी पाकिस्तान का संक्षिप्त है। अगर आप भूरे चमड़ी वाले हैं। अगर आप एशियाई उपमहाद्वीप में कहीं से भी हैं, तो आपको नस्लवादी गाली देने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता था। आपको पाकी कहा जाता था और कोई इसे पसंद नहीं करता था। जिस समय आप इंग्लैंड में किसी को पाकी बुलाते हैं, तो आपको इसके पीछे का मकसद पता होता है। मेरे साथ उस समय यही हुआ था। मेरी टीम मेरे साथ खड़ी थी लेकिन सच ये है कि मेरे सामने का आदमी ये कर रहा था।'

भारत के लिए 2003 और 2004 में 10 टेस्ट खेलने वाले आकाश चोपड़ा ने कहा कि ये समस्या दुनिया के हर हिस्से में बहुत गहरी है। उन्होंने भारत में नस्लवाद का सामना करने वाले एंड्रयू सायमंड्स का उदाहरण दिया। चोपड़ा ने कहा, ये हर जगह होता है। अगर आप गोरी चमड़ी के हैं, तो वे जब दुनिया के इस हिस्से में आते हैं तो ये उनके साथ भी होता है। उनके साथ भी इस तरह का व्यवहार होता है। वास्तव में जब एंड्रयू सायमंड्स भारत आए थे, तो वानखेड़े स्टेडियम में बंदर कहने की बहुत सी आवाजें आई थीं। ये तब था जब लोगों से कहा गया था कि आपकी एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

सैमी हाल ही में अमेरिका में हुई अफ्रीकन-अमेरिकन मूल के व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में जारी प्रदर्शनों के समर्थक रहे हैं। उन्होंने आईसीसी और अन्य क्रिकेट बोर्डों से सामाजिक अन्याय और नस्लवाद के खिलाफ जंग में समर्थन करने की अपील की है।

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