Highlightsजयवर्धने ने कहा कि लंबी पारी खेलने के बाद किशन थकान महसूस कर रहे थे।जयवर्धने ने स्वीकार किया कि जसप्रीत बुमराह जैसी क्षमता वाले गेंदबाज के लिए भी सात रन का बचाव करना बेहद मुश्किल था।
आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे ईशान किशन को सुपर ओवर में बल्लेबाजी के लिए नहीं भेजने के मुंबई इंडियंस के फैसले ने कई लोगों को हैरान किया होगा लेकिन टीम के मुख्य कोच महेला जयवर्धने ने इस रणनीति का बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें अपने अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा था कि वे काम पूरा करेंगे। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के 202 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए विकेटकीपर बल्लेबाज किशन (99) और कीरोन पोलार्ड (60) की पारियों की बदौलत मुंबई की टीम ने वापसी की।
मैच का नतीजा हालांकि सुपर ओवर से निकला जहां गत चैंपियन टीम ने पोलार्ड के साथ हार्दिक पंड्या को भेजने का फैसला किया। यह रणनीति हालांकि नाकाम रही और नवदीप सैनी के ओवर में टीम सात रन ही जुटा सकी और मैच हार गई। जयवर्धने ने कहा कि लंबी पारी खेलने के बाद किशन थकान महसूस कर रहे थे। इस श्रीलंकाई कोच ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘अगर आप देख सकते तो उस समय वह (किशन) काफी थका हुआ था और हम सोच रहे थे कि हमें कुछ तरोताजा खिलाड़ियों की जरूरत है जो बड़े शॉट खेल सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बाद में ऐसा कहना आसान है लेकिन पोलार्ड और हार्दिक ने अतीत में सुपर ओवर में अच्छा काम किया है, दो अनुभवी खिलाड़ी जो काम को अंजाम देने में सक्षम हैं।’’ कोच ने कहा, ‘‘आपको इन फैसलों को लेकर जोखिम उठाना पड़ता है और ये किसी के भी पक्ष में जा सकते हैं। अगर हमने 10 या 12 रन बनाए होते तो कुछ भी हो सकता था।’’
जयवर्धने ने स्वीकार किया कि जसप्रीत बुमराह जैसी क्षमता वाले गेंदबाज के लिए भी सात रन का बचाव करना बेहद मुश्किल था। उन्होंने कहा, ‘‘सुपर ओवर में हम तीन गेंद पर रन नहीं बना पाए, यहीं हमें नुकसान हुआ। हमने विकेट गंवाया और फिर दो गेंद खाली खेली।’’ जयवर्धने ने कहा कि उन्होंने जल्दी विकेट गंवा दिए थे इसलिए किशन के लिए संदेश यही था कि वह मैच को अंत तक ले जाएं।