KBC 12: क्रिकेट से जुड़े इस सवाल ने ज्वाला जीत सिंह को जिताए 3 लाख 20 हजार रुपये, क्या आप जानते हैं जवाब?

कौन बनेगा करोड़पति सीजन-12 में अब तक 2 कंटेस्टेंट करोड़पति बन चुके हैं। फिलहाल ज्वाला जीत सिंह हॉट सीट पर हैं...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: November 18, 2020 11:01 AM2020-11-18T11:01:34+5:302020-11-18T11:24:50+5:30

KBC 12: Gorakhpur Custom Inspector Jwala Jeet Singh arrives at KBC, win 3 lakh 20 thousand | KBC 12: क्रिकेट से जुड़े इस सवाल ने ज्वाला जीत सिंह को जिताए 3 लाख 20 हजार रुपये, क्या आप जानते हैं जवाब?

ज्वाला जीत सिंह से केबीसी में क्रिकेट से जुड़ा सवाल पूछा गया, जिसके लिए उन्होंने एक्सपर्ट की मदद ली।

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Highlightsकेबीसी में पूछा गया दिवंगत क्रिकेटर राजिंदर गोयल से जुड़ा सवाल।राजिंदर गोयल के नाम रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक विकेट का रिकॉर्ड।प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 157 मैचों में झटके 750 विकेट।

कौन बनेगा करोड़पति (KBC) में 17 नवंबर को ज्वाला जीत सिंह हॉट सीट पर पहुंचे। गोरखपुर के कस्टम इंस्पेक्टर ज्वाला जीत सिंह से शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने ऐसा प्रश्न पूछा, जिसके लिए इस कंटेस्टेंट को एक्सपर्ट की मदद लेनी पड़ी। फिलहाल नासिक में नियुक्त ज्वाला जीत से 10वां प्रश्न 3 लाख 20 हजार रुपये के लिए पूछा गया, जो क्रिकेट जगत से जुड़ा था।

ज्वाला जीत सिंह से पूछा गया ये सवाल-

रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड किस क्रिकेटर के नाम है, जिनका जून 2020 मे निधन हो गया?

A) राजिंदर गोयल
B) बका जिलानी
C) अमर सिंह
D) प्रभाकर राव

ज्वाला जीत सिंह ने मानी एक्सपर्ट की सलाह, जीते 3 लाख 20 हजार रुपये

ज्वाला जीत सिंह इस प्रश्न के उत्तर को लेकर काफी दुविधा में थे। उनके मन में इसका जवाब अमर सिंह था, लेकिन उन्होंने एक्सपर्ट की सलाह लेना ही उचित समझा। इसके बाद मशहूर पत्रकार पंकज पचौरी की मदद ली गई, जिन्होंने ऑप्शन ए (राजिंदर गोयल) के साथ जाने की सलाह दी। कंटेस्टेंट ने एक्सपर्ट के साथ जाना उचित समझा और 'ऑप्शन ए' को लॉक करवाया। इसी के साथ ज्वाला जीत सिंह ने दूसरा पड़ाव पार कर लिया।

राजिंदर गोयल ने करियर में झटके 750 विकेट: 

बायें हाथ के स्पिनर गोयल ने हरियाणा और उत्तर क्षेत्र की तरफ से खेलते हुए 157 मैचों में 750 विकेट लिये। वह 1958-59 से 1984-85 तक कुल 26 सत्र तक क्रिकेट खेलते रहे लेकिन उन्हें कभी भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला क्योंकि तब भारत के पास बिशन सिंह बेदी के रूप में बायें हाथ का बेहतरीन स्पिनर था। गोयल ने अपने जीवन में कभी इसकी शिकायत नहीं की और बेदी ने भी उन्हें संतोषी व्यक्ति बताया।

राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिलने के बावजूद गोयल 1958-59 से 1984-85 तक घरेलू क्रिकेट में खेलते रहे।
राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिलने के बावजूद गोयल 1958-59 से 1984-85 तक घरेलू क्रिकेट में खेलते रहे।

लंबे स्पैल करने की अद्भुत क्षमता

गोयल में लंबे स्पैल करने की अद्भुत क्षमता थी। जिस पिच से थोड़ी भी मदद मिल रही हो उस पर उन्हें खेलना नामुमकिन होता था। वह इतने लंबे समय तक खेलते रहे इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि वह विजय मांजरेकर के खिलाफ भी खेले और उनके बेटे संजय के खिलाफ भी। उन्हें 1974-75 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बेंगलुरू में टेस्ट मैच के लिये टीम में चुना गया था। वह 44 साल की उम्र तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते रहे।

कपिल देव निश्चित तौर पर हरियाणा के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर रहे हैं लेकिन उनसे पहले गोयल थे जिन्होंने इस राज्य की गेंदबाजी की कमान बखूबी संभाल रखी थी। कपिल देव की अगुवाई वाली हरियाणा ने जब 1991 में मुंबई को हराकर रणजी ट्रॉफी जीती थी तब गोयल उसकी चयनसमिति के अध्यक्ष थे।

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