नई दिल्ली, 28 मई: चेन्नई सुपर किंग्स ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2018 के फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद को 8 विकेट से हराकर तीसरी बार खिताब जीत लिया। इसके साथ ही चेन्नई ने खिताब जीतने के मामले में मुंबई इंडियंस की बराबरी कर ली। चेन्नई की इस जीत में शेन वॉटसन की भूमिका अहम रही जिन्होंने 57 गेंदों पर नाबाद 117 रनों की नाबाद पारी खेली।
चेन्नई की इस जीत के साथ कर्ण शर्मा के नाम भी एक खास रिकॉर्ड जुड़ गया। दरअसल, कर्ण शर्मा लगातार तीन बार तीन अलग-अलग टीमों से खेलते हुए आईपीएल ट्रॉफी जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। कर्ण को इस बार चेन्नई सुपरकिंग्स ने खरीदा था जबकि पिछले साल वह 2017 की चैम्पियन मुंबई इंडियंस से जुड़े थे। वहीं, 2016 में वह ट्रॉफी जीतने वाली टीम सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेल रहे थे। हालांकि, 2016 के फाइनल में कर्ण को खेलने का मौका नहीं मिला था।
वैसे, कर्ण का चौथा आईपीएल फाइनल था। कर्ण को पहला फाइनल 2009 में खेलने को मिला था जब वह रॉयल चैलेंजर्स टीम के सदस्य थे। हालांकि, तब कर्ण को डेब्यू करने का भी मौका नहीं मिला था। (और पढ़ें- IPL Final: वॉटसन ने अकेले दम पर चेन्नई को बनाया चैंपियन, धोनी ने दिया ये नया नाम)
कर्ण ने 2013 में सनराइजर्स हैदराबाद के साथ खेलते हुए आईपीएल डेब्यू किया और फिर टीम के साथ 2016 तक खेले। उसी साल कर्ण ने अपना पहला आईपीएल ट्रॉफी भी हैदराबाद के साथ खेलते हुए जीता। इसके बाद 2017 में कर्ण मुंबई से जुड़े जिसने फाइनल में पुणे सुपरजाएंट्स को हराकर तीसरी बार आईपीएल खिताब जीता।
कर्ण आईपीएल-2018 में चेन्नई के प्लेइंग-11 के नियमित खिलाड़ी नहीं थे। हालांकि, फाइनल में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने चौंकाने वाला फैसला लिया और हरभजन की जगह उन्हें मौका देने का फैसला किया। धोनी का ये फैसला बहुत सही भी साबित हुआ जब कर्ण ने फॉर्म में चल रहे सनराइजर्स के कप्तान केन विलियम्सन का विकेट हासिल किया। (और पढ़ें- IPL 2018: जब धोनी ने जीत का जश्न छोड़ दौड़ते हुए जीवा को गोद में उठा लिया, देखिए वीडियो)