तेंदुलकर ने भारत की मौजूदा तेज गेंदबाजी को बताया सबसे संतुलित, इन गेंदबाजों को बताया बेस्ट

तेंदुलकर ने कहा कि कई वर्षों में यह भारत का सबसे पूर्ण तेज गेंदबाजी अक्रामण है। मेरे आकलन के अनुसार यह आक्रमण सबसे सर्वश्रेष्ठ में से एक होगा।

By भाषा | Published: June 25, 2018 05:47 PM2018-06-25T17:47:17+5:302018-06-25T17:47:17+5:30

Indian Team has the most complete fast bowling attack ever, says Sachin Tendulkar | तेंदुलकर ने भारत की मौजूदा तेज गेंदबाजी को बताया सबसे संतुलित, इन गेंदबाजों को बताया बेस्ट

Indian Team has the most complete fast bowling attack ever, says Sachin Tendulkar

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नई दिल्ली, 25 जून। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि भारत इंग्लैंड के कड़े दौरे पर 'कई वर्षों के अपने सबसे पूर्ण तेज गेंदबाजी आक्रमण' के साथ उतरेगा, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके 24 साल के करियर के दौरान कभी नहीं हुआ। भारत अपने लगभग तीन महीने के ब्रिटेन दौरे की शुरुआत आयरलैंड के खिलाफ 27 जून से दो टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के साथ करेगा, लेकिन सभी की नजरें एक अगस्त से बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज पर टिकी हैं। 

सचिन तेंदुलकर ने कहा कि कई वर्षों में यह भारत का सबसे पूर्ण तेज गेंदबाजी अक्रामण है। मेरे आकलन के अनुसार यह आक्रमण सबसे सर्वश्रेष्ठ में से एक होगा। अपने करियर के दौरान 200 टेस्ट खेलने वाले तेंदुलकर ने कहा कि भारत के पास कुछ अच्छे तेज गेंदबाज रहे हैं, लेकिन इतनी विविधता वाला आक्रमण उसके पास कभी नहीं रहा।

सचिन ने भारत के मौजूदा गेंदबाजों को बताया बेस्ट 

तेंदुलकर ने कहा कि हम अच्छी स्थिति में हैं जहां हमारे पास एक स्विंग गेंदबाज (भुवनेश्वर कुमार), एक लंबा गेंदबाज (इशांत शर्मा), सटीक गेंदबाज (जसप्रीत बुमराह) और असल मायने में तेज गेंदबाज (उमेश यादव) है। इतनी सारी विविधता के साथ यह अच्छा संयोजन है।

कपिल से जहीर जैसे गेंदबाजों के साथ खेल चुके हैं सचिन

बता दें कि सचिन तेंदुलकर कपिल देव और मनोज प्रभाकर जैसे तेज गेंदबाजों के साथ खेल चुके हैं। इस दिग्गज बल्लेबाज के करियर के अधिकांश हिस्से में जवागल श्रीनाथ और जहीर खान भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ रहे थे।

वर्तमान के गेंदबाजी आक्रमण को बताया अधिक सक्षम

तेंदुलकर से जब यह पूछा गया कि क्या यह आक्रमण उनके समय में आक्रमण से अधिक सक्षम है तो उन्होंने कहा कि हां, मैं उसके (तेंदुलकर के करियर के आक्रमण) संदर्भ में भी बोल रहा हूं, क्योंकि इसका कारण है। हमारे पास भुवी है जो बल्लेबाजी भी कर सकता है और साथ ही हार्दिक भी जिसमें अच्छी बल्लेबाजी करने की क्षमता है। हालांकि तेंदुलकर ने इस पर टिप्पणी नहीं की कि भारत को किस संयोजन के साथ खेलना चाहिए।

टीम के चयन में इन बातों का रखना होगा ख्याल

सचिन ने कहा कि मुझे लगता है कि टीम प्रबंधन को आकलन करना होगा कि विरोधी टीम का कौन सा बल्लेबाज किसी तरह की गेंदबाजी के खिलाफ सहज है। कुछ ऐसे है जो स्विंग गेंदबाजी का अच्छी तरह सामना करते हैं और कुछ में पिच से मूव होने वाली गेंदों से निपटने की तकनीक है। आपके इन सब पर ध्यान देते हुए टीम का चयन करना होता है।

ऑलराउंड क्षमता से टीम इंडिया को मिलेगी मजबूती

टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले तेंदुलकर ने भुवनेश्वर की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि वह अपनी ऑलराउंड क्षमता से भारत की स्थिति मजबूत कर सकते हैं। तेंदुलकर ने कहा कि भारत की मौजूदा टीम लगातार ऐसे तेज गेंदबाजों पर ध्यान दे रही है जो बल्ले से भी अच्छा योगदान दे सकें। मुझे लगता है कि ये दो खिलाड़ी (भुवनेश्वर और हार्दिक) रनों का महत्वपूर्ण योगदान देते रहे हैं।

सचिन ने कहा कि हार्दिक ने अभी टीम में जगह बनाई है लेकिन मुझे लगता है कि भुवी ने शानदार योगदान दिया और इससे टीम का संतुलत सकारात्मक रूप से बदला। उन्होंने कहा कि ऐसा बल्लेबाज होना अच्छा है जो चार से पांच ओवर गेंदबाजी कर सके, लेकिन इससे भी अच्छा यह है कि ऐसा गेंदबाज हो तो महत्वपूर्ण रन बना सके। ऐसा योगदान जो आपको आगे बढ़ने में मदद कर सके।

इंग्लैंड के मौसम और पिचों पर भी देना होगा ध्यान

तेंदुलकर इंग्लैंड में पांच टेस्ट श्रृंखला (1990, 1996, 2002, 2007 और 2011) का हिस्सा रहे और उन्हें इंग्लैंड के मौसम और पिचों की काफी जानकारी है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि विकेट अच्छे होंगे। यह इस पर भी निर्भर करता है कि वहां गर्मी कैसी पड़ रही है। कोई भी बारिश और ठंडे हालात में नहीं खेलना चाहता। मैं अच्छी गर्मियों की उम्मीद कर रहा हूं जो अच्छे क्रिकेट के अनुकूल हो। एक चीज हो भारत के पक्ष में हो सकती है वह यह है कि टेस्ट श्रृंखला की शुरुआत अगस्त में होगी और तब तक भारत इंग्लैंड में एक महीने का समय बिता चुका होगा। 

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जल्दी जाना फायदे की स्थिति साबित होगी। टेस्ट श्रृंखला के शुरू होने तब भारत इंग्लैंड में पांच महीने बिता चुका होगा और काफी मैच अभ्यास कर चुका होगा। इससे टीम को लय में आने में मदद मिलेगी।

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