पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को लगता है कि विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया की 2000 दशक की टीम के बराबर नहीं कहा जा सकता है, जिसके लिये उसे अब भी लंबा रास्ता तय करना होगा।
कोहली के नेतृत्व में भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली श्रृंखला जीती थी, जिसके लिये टीम को सात दशक का इंतजार करना पड़ा। हालांकि इसके लिये स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की अनुपस्थिति को अहम नहीं माना जा सकता है जो उस समय गेंद से छेड़छाड़ के कारण प्रतिबंधित थे।
नेहरा ने पूर्व खिलाड़ी आकाश चोपड़ा के शो ‘आकाशवाणी’ पर कहा, ‘‘इस भारतीय टीम को उस ऑस्ट्रेलियाई टीम (स्टीव वॉ और फिर रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली) की बराबरी करने के लिये काफी दूरी तय करनी होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप ऑस्ट्रेलियाई टीम के बारे में बात कर रहे हो जिसने लगातार तीन विश्व कप जीते थे और फिर 1996 के फाइनल में पहुंची थी, उसने घरेलू और विदेशी सरजमीं पर 18-19 टेस्ट मैच जीते थे।’’
नेहरा हालांकि टीम संयोजन से बार बार छेड़छाड़ किये जाने से भी खुश नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि यह भारतीय टीम वहां तक नहीं पहुंच सकती लेकिन मेरा मानना है कि कोर ग्रुप बहुत अहम है। कोई भी आदमी अगर टेबल पर बहुत सारे पकवान देखेगा तो वह असमंजस में पड़ जायेगा इसलिये सबसे महत्वपूर्ण चीज है कम लेकिन बेहतर पकवान होना।’’
नेहरा ने उदाहरण देते हुए कहा कि टीम प्रबंधन ने अभी तक किस तरह ऋषभ पंत के करियर को कैसे संभाला है। उन्होंने कहा, ‘‘लोकेश राहुल पांचवें स्थान पर खेल रहे हैं और जिस व्यक्ति पंत को आप महेंद्र सिंह धोनी की जगह लाने की तैयारी कर रहे थे, वो अब ड्रिंक्स दे रहा है।’’
पंत लगातार अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर पाने के कारण सीमित ओवरों की क्रिकेट में भारतीय टीम में अपना स्थान राहुल को गंवा चुके हैं। नेहरा ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि उसने (पंत) ने अपने मौके गंवा दिये और इसमें कोई शक नहीं है लेकिन आपने उसे टीम में रखा है क्योंकि 22-23 साल की उम्र में आपने उसमें संभावना देखी थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ही काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं लेकिन उनका लंबे समय तक समर्थन किया जाना चाहिए था। आज जब हम भारतीय वनडे टीम में पांचवें और छठे स्थान की बात करते हैं तो हम इसके बारे में सुनिश्चित नहीं होते।’’
नेहरा ने कोहली की कप्तानी के बारे में कहा कि वह इसमें अब भी प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विराट कोहली को बतौर खिलाड़ी किसी प्रशंसा की जरूरत नहीं है क्योंकि उसका करियर ग्राफ ही पूरी कहानी बयां कर देता है। बतौर खिलाड़ी कोहली ने काफी अच्छा काम किया है। कप्तानी में मुझे अब भी लगता है कि वह अभी प्रगति की ओर है। कप्तान के तौर पर मैं कह सकता हूं कि वह थोड़ा आवेग में आकर फैसले करता है।’’