टीम इंडिया का ये बल्लेबाज बनना चाहता है निशानेबाज, ओलंपिक में भी भाग लेने का सपना

Manoj Tiwary: बंगाल के बल्लेबाज मनोज तिवारी का सपना 10 साल बाद क्रिकेट करियर खत्म होने पर निशानेबाजी में हाथ आजमाने का है, जानिए क्या है वजह

By अभिषेक पाण्डेय | Published: May 1, 2020 11:50 AM2020-05-01T11:50:14+5:302020-05-01T11:50:39+5:30

Cricketer Manoj Tiwary wants to participate in 10 meter air rifle shooting for India at Olympics | टीम इंडिया का ये बल्लेबाज बनना चाहता है निशानेबाज, ओलंपिक में भी भाग लेने का सपना

बंगाल के क्रिकेटर मनोज तिवारी का सपना ओलंपिक में निशानेबाजी करने का है

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Highlightsपिछले रणजी सीजन में मनोज तिवारी ने रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए खेली थी 303 रन की पारीमनोज तिवारी ने कहा कि वह क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भी आजमाना चाहते हैं हाथ

बंगाल और टीम इंडिया के बल्लेबाज मनोज तिवारी ने कहा है कि क्रिकेट करियर खत्म होने के बाद उनका सपना 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में हाथ आजमाना है। 

34 वर्षीय तिवारी बंगाल के लिए 2004-05 से ही खेल रहे हैं और उन्होंने भारत के लिए 12 वनडे और तीन टी20 मैच खेले हैं। अभी तिवारी कम से कम 10 साल और क्रिकेट खेलना चाहते हैं लेकिन उसके बाद उनका सपना कुछ नया और अलग करने का है।

मनोज तिवारी का सपना, निशानेबाजी में हाथ आजमाने का 

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, तिवारी ने कहा, 'आप शायद मुझे 10 मीटर राइफल शूटिंग में हाथ आजमाते और ओलंपिक में भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखें, जो मैं करना चाहता हूं। लेकिन जैसा कि आप जानते है कि अगर व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है। ये आसान नहीं है लेकिन देखते हैं कि मैं कैसे अपने व्यस्त कार्यक्रम में से 10 मीटर एयर  राइफल शूटिंग के लिए भी समय निकाल पाता हूं।'

शूटिंग में हाथ आजमाने को लेकर तिवारी ने कहा, 'मैं खुद को कुछ अन्य खेलों में भी आजमाना चाहता हूं, जिसमें मुझे शारीरिक फिटनेस के लिहाज से अपना शत-प्रतिशत नहीं देना होगा। मैं कुछ अन्य खेलों में भी हाथ आजमाना चाहता हूं, जिसमें दौड़ने जैसी शारीरिक जरूरतें शामिल नहीं हैं। तो देखते हैं कि क्या होता है।'

पिछले सीजन में मनोज तिवारी रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए खेलते हुए हैदराबाद के खिलाफ 303 रन की पारी खेलकर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने बंगाल के लिए कमेंट्री भी की। कमेंट्री को लेकर इस बल्लेबाज ने कहा, 'कमेंट्री आसान काम है, ये एसी रूम में होती है, जहां आपको मैदान में जो हो रहा है उस पर कमेंट करना और अपनी एक्सपर्ट राय देनी होती है।'

साथ ही मनोज तिवारी का सपना गरीब बच्चों और जरूरतमंदों को मुफ्त में कोचिंग देने का भी है। उन्होंने कहा, 'कोचिंग ऐसा काम है जो मैं करना चाहता हूं। मैं खिलाड़ी पैदा करना चाहता हूं और जरूरतमंदों और अपने रोजमर्रा के जीवन में संघर्ष करने वालों को अपना पूरा अनुभव देना चाहता हूं।'

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