Blind T20 World Cup 2022: भारतीय टीम ने किया कारनामा, 2012, 2017 और 2022, बांग्लादेश को 120 रन से हराकर नेत्रहीन टी-20 वर्ल्ड कप जीता

Blind T20 World Cup 2022: भारत ने नेत्रहीनों के लिए 2022 टी20 विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश को हराकर ऐतिहासिक खिताब जीता।

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 17, 2022 04:05 PM2022-12-17T16:05:47+5:302022-12-17T19:23:00+5:30

Blind T20 World Cup 2022 India Wins Creates History Winning Title For Third Time defeated Bangladesh 120 runs 2012, 2017, 2022 | Blind T20 World Cup 2022: भारतीय टीम ने किया कारनामा, 2012, 2017 और 2022, बांग्लादेश को 120 रन से हराकर नेत्रहीन टी-20 वर्ल्ड कप जीता

टी20 विश्व कप चैंपियन का ताज पहना।

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Highlightsनेत्रहीन टी20 विश्व कप 2022 के फाइनल में बांग्लादेश को 120 रन से हराया।भारत ने अपने निर्धारित 20 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर 277 रन बनाए। टी20 विश्व कप चैंपियन का ताज पहना।

Blind T20 World Cup 2022: भारतीय टीम ने एक और कारनामा करते हुए इतिहास रच दिया है। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में नेत्रहीन टी20 विश्व कप 2022 के फाइनल में बांग्लादेश को 120 रन से हराया और टी20 विश्व कप चैंपियन का ताज पहना। बैंगलोर में इतिहास रचने के साथ शानदार जीत हासिल की।

टी20 नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप के विजेता:

2012 में - भारत।

2017 में - भारत।

2022 में - भारत।

द मेन इन ब्लू ने शिखर मुकाबले में पहले बल्लेबाजी की और अपने 20 ओवरों में 277 रनों का विशाल स्कोर बनाया। बांग्लादेश लक्ष्य के करीब नहीं पहुंचा और अपने 20 ओवरों में केवल 157 रन ही बना सका।भारत ने 120 रनों से जीत हासिल की। इस जीत के साथ भारत ने इतिहास रच दिया। 2012 और 2017 के बाद 2022 में तीसरी बार खिताब जीत लिया है।  

सुनील रमेश (नाबाद 63 रन पर 136) और कप्तान अजय कुमार रेड्डी (50 रन पर नाबाद 100) ने टूर्नामेंट के फाइनल में तीसरे विकेट के लिए रिकॉर्ड 247 रन की साझेदारी की। भारत के विशाल कुल का पीछा करते हुए बांग्लादेश केवल 157/3 ही बना सका और 120 रन से मुकाबला हार गया। भारत के लिए ललित मीणा और अजय कुमार ने एक-एक विकेट लिया।

कप्तान अजय कुमार रेड्डी और सुनील रमेश की नाबाद शतकीय पारियों और दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 248 रन की अटूट साझेदारी के दम पर भारत ने दृष्टिबाधित टी20 विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश को 120 रन से हराकर लगातार तीसरा खिताब जीता।

भारतीय टीम ने महज 29 रन पर दो विकेट गंवा दिया था लेकिन इसके बाद रमेश ने 63 गेंदों में 24 चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 136 रन बनाए, जबकि रेड्डी ने 50 गेंदों में 18 चौके की मदद से नाबाद 100 रन बनाए। दोनों की बड़ी साझेदारी से टीम ने 20  ओवर में दो विकेट पर 277 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।

प्रतियोगिता के तीसरे संस्करण जिसकी मेजबानी भारत ने की थी। प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका की भागीदारी देखी। द मेन इन ब्लू क्रमशः 2012 और 2017 में प्रतियोगिता के पिछले दो संस्करण जीते थे। फाइनल में बांग्लादेश को हराकर जीत की हैट्रिक पूरी की।

चैंपियंस पूरे टूर्नामेंट में शबाब पर थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक शानदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचे थे। भारत ने बैंगलोर के सम्प्रसिद्धि स्पोर्ट्स ग्राउंड में पहले सेमीफाइनल मैच में 338 रनों का रिकॉर्ड-तोड़ लक्ष्य निर्धारित करने के बाद प्रोटियाज को 207 रनों से हरा दिया था।

इस बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश की टीम 20 ओवर में तीन विकेट पर महज 157 रन ही बना सकी। बांग्लादेश के लिए सलमान ने सबसे ज्यादा नाबाद 77 रन बनाये। पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहने वाली भारतीय टीम को पुरस्कार में तीन लाख रुपये मिले जबकि बांग्लादेश को डेढ़ लाख रुपये का पुरस्कार मिला।

सलमान ने चौथे ओवर में भारतीय टीम को दो झटके दिये। उन्होंने एक रन के अंदर वेंकारेश्वर  और ललित मीणा को चलता किया। रमेश और रेड्डी ने इसके बाद बांग्लादेश के गेंदबाजों के खिलाफ मैदान के हर क्षेत्र में रन बनाये। रेड्डी को इस दौरान 40 रन के स्कोर पर जीवनदान मिला। रमेश ने चौके के साथ टूर्नामेंट का तीसरा शतक पूरा किया तो वही रेड्डी ने 20वें ओवर में अपना सैकड़ा जड़ा।

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