नई दिल्ली, 18 मई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इंटरनेशनल काउंसिल को उसके राजस्व शेयर में किसी भी प्रकार की कटौती न करने की चेतावनी दी है और कहा है कि आने वाले समय में वह अपने घरेलू क्रिकेट और महिला क्रिकेट के विकास पर ज्यादा खर्च करने जा रहा है।
आईसीसी के रणनीतिक समूह ने गुरुवार को नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) से क्रिकेट के विकास की वैश्विक रणनीति पर चर्चा के लिए मुलाकात की।
टाइम्स ऑफ इंडियी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में आई आसीसी की रिपोर्ट में भारतीय क्रिकेट पर ज्यादा निर्भरता को विश्व क्रिकेट के लिए खतरे के तौर पर चिन्हित किया है। बीसीसीआई ने आईसीसी की इस रिपोर्ट की आलोचना की है और कहा है कि उन्हें अपने आकलन के शब्द बदलने चाहिए।
आईसीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत पर राजस्व और फैंस के मामले में अति निर्भरता से क्रिकेट सही मायनों में एक वैश्विक खेल नहीं है। आईसीसी ने साथ ही भारत पर अति निर्भरता से बचने के लिए आक्रामक वृद्धि रणनीति की कमी को भी रेखांकित किया था।
आईसीसी की इस रिपोर्ट से नाराज बीसीसीआई ने कहा है कि आने वाले समय में उसके बजट में बढ़ोतरी होगी क्योंकि उससे नए सदस्य जुड़ रहे हैं।
बीसीसीआई के मुताबिक लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों के लागू होने से उसके साथ नए सदस्य जुड़ रहे हैं। उत्तरी-पूर्वी राज्यों को पूर्ण सदस्यता मिल गई है। साथ ही महिला क्रिकेट में भी बीसीसीआई भारी निवेश कर रही है। ऐसे में इन बढ़ते खर्चों को देखते हुए वह अपने राजस्व में कटौती को स्वीकार नहीं कर सकता।
हालांकि आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन ने भारत के राजस्व दबदबे को 'कमजोरी' के बजाय ताकत करार दिया।