'रन बनाओ, वर्ना फिर नहीं दे पाऊंगा तुम्हें मौका': कैसे सौरव गांगुली की चेतावनी के बाद अगले मैच में सहवाग ने जड़ दिया था शतक

Virender Sehwag, Sourav Ganguly: आकाश चोपड़ा ने खुलासा किया है कि कैसे खराब दौर से गुजर रहे वीरेंद्र सहवाग का सौरव गांगुली की चेतावनी के बाद सुधर गया था प्रदर्शन

By अभिषेक पाण्डेय | Published: July 1, 2020 09:18 AM2020-07-01T09:18:33+5:302020-07-01T09:18:33+5:30

Aakash Chopra reveals, How Sourav Ganguly ultimatum helped Virender Sehwag to get his form | 'रन बनाओ, वर्ना फिर नहीं दे पाऊंगा तुम्हें मौका': कैसे सौरव गांगुली की चेतावनी के बाद अगले मैच में सहवाग ने जड़ दिया था शतक

सौरव गांगुली की कप्तानी में ही वीरेंद्र सहवाग ने किया था टीम इंडिया के लिए डेब्यू (Twitter)

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Highlightsआकाश चोपड़ा ने खुलासा किया है कि कैसे खराब खेल रहे सहवाग का गांगुली की चेतावनी के बाद सुधर गया था प्रदर्शनआकाश ने कहा कि गांगुली ने न केवल सहवाग बल्कि युवराज सिंह की भी बुरे दौर में समर्थन किया था

पूर्व भारतीय ओपनर आकाश चोपड़ा ने उस घटना का खुलासा किया है जब सौरव गांगुली ने कहा था कि वीरेंद्र सहवाग को रन बनाने की जरूरत है वर्ना उनके पास उन्हें टीम से बाहर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। चोपड़ा ने जिस घटना के बारे में बताया है वो शायद अक्टूबर 2003 में भारत-न्यूजीलैंड के बीच मोहाली में खेले गए दूसरे टेस्ट से पहले की है।

सहवाग उस समय लगातार नौ पारियों में अर्धशतक नहीं बना पाए थे और गांगुली के लिए इस ओपनर को लेकर अंतिम फैसला करने का वक्त था। अहमदाबाद में खेले गए पिछले टेस्ट में अपना डेब्यू करने वाले चोपड़ा ने बताया कि कैसे गांगुली की बातों ने हर किसी की मदद की और सहवाग ने 130 रन की शानदार पारी खेली। ये लगभग एक साल पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई और चेन्नई में खेली गई 147 और 61 रन की पारियों के बाद सहवाग का पहला टेस्ट शतक था। 

चोपड़ा ने कहा, सहवाग को गांगुली ने दी चेतावनी, सुधर गया था प्रदर्शन

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, चोपड़ा ने यूट्यूब शो 'क्रिक कास्ट' में कहा, 'वीरू, शुरुआत में ढेरों रन बनाने के बाद करियर के शुरुआती दिनों में ही खराब दौरे से गुजरे थे। सौरव गांगुली वीरू के पास गए और कहा कि उस दिन रन बनाओ या फिर वह उन्हें फिर नहीं खिला पाएंगे। सौभाग्य से उन्होंने (सहवाग) ने उस मैच में शतक बनाया था। सौरव गांगुली ने बहुत समर्थन किया।'   

गांगुली ने ही सहवाग को टेस्ट में ओपनर के रूप में मौका देते हुए इंटरनेशनल क्रिकेट में ब्रेक दिया था। गांगुली ने यहां तक कि सहवाग के लिए अपने ओपनर की जगह की भी कुर्बानी दी थी, जिससे भारत को वनडे में सचिन-सहवाग के रूप में घातक जोड़ी मिली थी। 

चोपड़ा का मानना है कि गांगुली की कई ताकतों में से एक उन खिलाड़ियों पर यकीन करना था, जिस पर वह यकीन करते हैं। सहवाग के अलावा युवराज सिंह को भी करियर के शुरुआती दिनों में गांगुली का समर्थन मिला था, जिन्होंने भारत के लिए अपने करियर के पहले दो मैचों में 84 और 41 के स्कोर बनाने के बाद अगली 16 पारियों में कोई अर्धशतक नहीं बनाया था।

चोपड़ा ने कहा, 'मुझे याद है कि युवराज सिंह की 18-20 पारियां ऐसी थी, जिसमें उन्होंने एक भी अर्धशतक नहीं बनाया था।'

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