Yuva Nidhi Scheme Karnataka: 5वीं गारंटी ‘युवा निधि’ योजना लागू, स्नातक पास युवाओं को 3000 रुपये और डिप्लोमा धारकों को 1500 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता, जानें कैसे उठाएंगे फायदा
By अनुभा जैन | Published: January 12, 2024 06:42 PM2024-01-12T18:42:48+5:302024-01-12T18:44:34+5:30
Yuva Nidhi Scheme Karnataka: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शिमोगा में बेरोजगारों के खाते में पैसे ट्रांसफर करके युवा निधि योजना की शुरुआत की।
Yuva Nidhi Scheme Karnataka: कर्नाचक सरकार की महत्वपूर्ण 5वीं गारंटी योजना ‘युवा निधि’ योजना आज स्वामी विवेकानन्द जयंती के दिन से लागू हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शिमोगा में आयोजित कार्यक्रम में बेरोजगारों के खाते में पैसे ट्रांसफर करके और विभिन्न जिलों के बेरोजगार युवाओं को चेक प्रदान करके युवा निधि योजना की शुरुआत की।
कर्नाटक सरकार ने स्नातक पास युवाओं को 3,000 रुपये तथा डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता देते हुए कांग्रेस की पांचवीं ‘गारंटी’ की शुक्रवार को शुरुआत की। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने ‘‘युवा निधि’’ योजना की सांकेतिक रूप से शुरुआत करते हुए छह लाभार्थियों को चेक सौंपे।
यह योजना उन स्नातक और डिप्लोमा धारक युवाओं के लिए है जो अकादमिक वर्ष 2022-23 में पास हुए और शिक्षा पूरी करने के 180 दिन बाद भी बेरोजगार हैं। बेरोजगारी भत्ता केवल दो साल के लिए दिया जाएगा और लाभार्थी को नौकरी मिलने के तुरंत बाद यह खत्म हो जाएगा। जिन युवाओं ने उच्च शिक्षा के लिए पंजीकरण कराया है और जो आगे पढ़ाई करना चाहते हैं, वे इस योजना के पात्र नहीं हैं।
राज्य सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में इस योजना के लिए 250 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। उसका अनुमान है कि अगले साल सरकारी खजाने पर इसका 1,200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और 2026 के बाद से हर साल 1,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
कांग्रेस सरकार चार गारंटी की शुरुआत पहले ही कर चुकी है जिसमें सरकारी बसों में कर्नाटक की महिलाओं को निशुल्क यात्रा कराने वाली ‘शक्ति’, बीपीएल परिवारों को 10 किलो चावल देने वाली ‘अन्न भाग्य’, 200 यूनिट तक की निशुल्क बिजली देने वाली ‘गृह ज्योति’ और एपीएल/बीपीएल राशन कार्ड धारक परिवारों की महिला मुखिया को हर महीने 2,000 रुपये देने वाली ‘गृह लक्ष्मी’ शामिल हैं।
सिद्दरमैया ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम लाभार्थियों को कौशल विकास प्रशिक्षण देंगे। इस योजना का लाभ दो साल के लिए दिया जाएगा। अगर उन्हें कोई नौकरी मिल जाती है चाहे सरकारी हो या निजी तो यह लाभ तुरंत बंद कर दिया जाएगा। कौशल विकास विभाग यह तय करेगा कि कौन-सा प्रशिक्षण दिया जाएगा।’’