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नीरव मोदी-मेहुल चौकसी जैसों के बारे में CVC ने एक साल पहले ही PNB समेत 10 बैंकों, ईडी, सीबीआई को किया था आगाह

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: April 9, 2018 08:20 IST

नीरव मोदी और मेहुल चौकसी सीबीआई के केस दर्ज होने से पहले ही भारत छोड़कर जा चुके हैं। दोनों पर पंजाब नेशनल बैंक को 13400 करोड़ रुपये से अधिक चूना लगाने का आरोप है।

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केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ हुए 13400 करोड़ रुपये के घोटाले की खबर सार्वजनिक होने से करीब एक साल पहले ही जेम्स और जुलरी (रत्न एवं आभूषण) सेक्टर में अनियमितता के प्रति आगाह किया था। फरवरी में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने हीरा कारोबारियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी एवं उनसी जुड़ी कंपनियों के खिलाफ पीएनबी के साथ जालसाजी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के मामले के सामने आने के बाद कई अन्य हीरा कारोबारियों द्वारा विभिन्न बैंकों को चूना लगाने के मामले सामने आये हैं। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सीवीसी ने साल 2017 की अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि उसके अधिकारयों ने पाँच जनवरी 2017 को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और 10 बैंको के मुख्य सतर्कता अधिकारियों (सीवीसी) जिनमें पीएनबी के अधिकारी भी शामिल थे, को विभिन्न आभूषण कंपनियों के खातों में गंभीर गड़बड़ियों की पर चर्चा की थी। रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में सीवीसी ने खासतौर पर जतिन मेहता की कंपनी विनसम ग्रुप का उदाहरण भी दिया था। जतिन मेहता पर छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादे के घोटाले का आरोप है। जतिन मेहता देश से फरार है।

सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में पीएनबी के शीर्ष प्रबंधन में गंभीर खामियों का भी जिक्र किया था। देश के मुख्य सतर्कात आयुक्त केवी चौधरी ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से कहा कि सीवीसी ने जनवरी 2017 की बैठक जतिन मेहता की कंपनी के बारे में चर्चा करने के लिए बुलायी थी और उस बैठक में ऐसी अन्य जुलरी कंपनियों के से जुड़ी गड़बड़ियों के बारे में चर्चा की थी।

नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने जाली "लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग" (एलओयू) बनाकर पीएनबी को 13400 करोड़ रुपये का चूना लगाया। पीएनबी घोटाला सामने आने से पहले ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी अपने नजदीकी रिश्तेदारों के संग भारत छोड़कर जा चुके थे। दोनों ने अलग-अलग कारणों से देश की अदालत में हाजिर होने से इनकार कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के पासपोर्ट रद्द कर दिये हैं। अभी तक ये साफ नहीं है कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी किस देश में छिपे हुए हैं।

सीवीसी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और फाइनेंशियल सर्विसेज (डीएफएस) से बैंकों को ऐसे संदिग्ध लेन-देन से बचने के लिए मानक प्रक्रिया (एसओपी) तय करने के बाबत निर्देश जारी  करने की सलाह दी थी। सीवीसी ने भारत की बैंक प्रणाली को क्रमशः सुधारने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत पर भी बल दिया था। सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में बैंकों से लोन लेने वालों कारोबारियों के नो योर कस्टमर (केवाईसी) और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) दस्तावेज में गड़बड़ी के प्रति भी आगाह किया था। सीवीसी ने बैंकों को कारोबारियों द्वारा लोन लेने के लिए गिरवी रखी जा रही परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के लिए भी उचित व्यवस्था तय करने की हिदायत दी थी। सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में सार्वजनिक बैंकों को अपने स्टाफ को प्रशिक्षण देने के लिए अपने ट्रेनिंग स्कूल खोलने की भी सलाह दी थी। 

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