Financial Year 2025-26: संसद ने वित्त विधेयक 2025 को मंजूरी दी?, एक फरवरी से शुरू हुई बजट प्रक्रिया पूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 27, 2025 20:33 IST2025-03-27T20:27:39+5:302025-03-27T20:33:54+5:30

Financial Year 2025-26:  हम इस अवसर का उपयोग भारतीय करदाताओं के प्रति अपना सम्मान जताने के लिए करना चाहते हैं।

Year 2025-26 Parliament approved Finance Bill 2025 Budget process which started February 1 completed | Financial Year 2025-26: संसद ने वित्त विधेयक 2025 को मंजूरी दी?, एक फरवरी से शुरू हुई बजट प्रक्रिया पूरी

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Highlightsवित्त मंत्रालय की प्रवृत्ति सावधानी बरतने और राजस्व को नुकसान नहीं होने देने की होती है।व्यय का अनुमान किया गया है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक है। सकल कर राजस्व संग्रह और 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का प्रस्ताव है।

नई दिल्लीः राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को वित्त विधेयक 2025 को चर्चा के बाद लोकसभा को लौटा दिया और इसके साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी से शुरू हुई बजट प्रक्रिया पूरी हो गई। उच्च सदन ने विनियोग विधेयक (3) को भी ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। संसद के निचले सदन लोकसभा ने 25 मार्च को वित्त विधेयक और 21 मार्च को विनियोग विधेयक पारित किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयकों पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय की प्रवृत्ति सावधानी बरतने और राजस्व को नुकसान नहीं होने देने की होती है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘...लेकिन, हम इस अवसर का उपयोग भारतीय करदाताओं के प्रति अपना सम्मान जताने के लिए करना चाहते हैं। हमने (आयकर के लिए) 12 लाख रुपये की सीमा तय करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, उस सीमा तक किसी को कोई कर नहीं देना होगा।’’

केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान किया गया है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक है। अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये और प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है। इसमें 42.70 लाख करोड़ रुपये का सकल कर राजस्व संग्रह और 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का प्रस्ताव है।

बजट दस्तावेजों के अनुसार, एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के वास्ते 5,41,850.21 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए व्यय के बजट अनुमानों में कई कारणों से वृद्धि हुई है।

जिनमें बाजार ऋण, राजकोषीय बिल, बाहरी ऋण, लघु बचत और भविष्य निधि पर ब्याज के भुगतान में वृद्धि; पूंजीगत व्यय सहित सशस्त्र बलों की आवश्यकताएं और रोजगार सृजन योजना के लिए अधिक प्रावधान शामिल हैं। वित्त वर्ष 2026 के लिए राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के 4.8 प्रतिशत के मुकाबले 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

सरकार 2025-26 की पहली छमाही में आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी

वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान दीर्घकालीन प्रतिभूतियों के जरिये आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की योजना बना रही है। यह राशि राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए जुटायी जाएगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, 2025-26 के लिए बाजार से कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाये जाने का अनुमान है।

इसमें से लंबी और निश्चित परिपक्वता अवधि वाली प्रतिभूतियों के माध्यम से पहली छमाही में आठ लाख करोड़ रुपये यानी 54 प्रतिशत कर्ज लेने की योजना है। इसमें 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी हरित बॉन्ड शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अगले वित्त वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए दीर्घकालीन प्रतिभूतियां जारी कर 14.82 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का प्रस्ताव किया है।

राजकोषीय घाटा यानी सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच अंतर वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 2025-26 के लिए 15,68,936 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।

राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए, दीर्घकालीन प्रतिभूतियों से शुद्ध बाजार कर्ज 11.54 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। शेष राशि लघु बचत और अन्य स्रोतों से आने की उम्मीद है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 में कर्ज के अलावा कुल प्राप्तियां और व्यय क्रमशः 34.96 लाख करोड़ रुपये और 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

शुद्ध कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।’’ आधिकारिक बयान के अनुसार, सकल उधारी साप्ताहिक आधार पर 25,000 करोड़ रुपये से 36,000 करोड़ रुपये के बीच प्रतिभूतियों की 26 नीलामी के माध्यम से जुटायी जाएगी। बाजार उधारी तीन, पांच, सात, 10, 15, 30, 40 और 50 साल की अवधि की प्रतिभूतियों के जरिये जुटायी जाएगी।

विभिन्न परिपक्वता अवधि के तहत उधारी (हरित बॉन्ड सहित) का हिस्सा तीन साल (5.3 प्रतिशत), पांच साल (11.3 प्रतिशत), सात साल (8.2 प्रतिशत), 10 साल (26.2 प्रतिशत), 15 साल (14 प्रतिशत), 30 साल (10.5 प्रतिशत), 40 साल (14 प्रतिशत) और 50 साल (10.5 प्रतिशत) होगा।

सरकार ने कहा कि नीलामी अधिसूचनाओं में उल्लेख की गई प्रत्येक प्रतिभूति के मामले में ‘ग्रीन शू विकल्प’ यानी अतिरिक्त बोली आने पर 2,000 करोड़ रुपये तक की बोली को स्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखा जाएगा।

Web Title: Year 2025-26 Parliament approved Finance Bill 2025 Budget process which started February 1 completed

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