साल 2025-26ः किसान पर मेहरबान मोदी सरकार, गन्ने का मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल, 22,864 करोड़ रुपये की शिलांग-सिलचर राजमार्ग परियोजना को मंजूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 30, 2025 20:36 IST2025-04-30T20:35:16+5:302025-04-30T20:36:27+5:30

चालू 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। केंद्र सरकार एफआरपी तय करती है, जो अनिवार्य न्यूनतम मूल्य है।

Year 2025-26 Modi government farmers remunerative price sugarcane increased 4-41 percent Rs 355 per quintal Shillong-Silchar Highway project worth Rs 22,864 crore | साल 2025-26ः किसान पर मेहरबान मोदी सरकार, गन्ने का मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल, 22,864 करोड़ रुपये की शिलांग-सिलचर राजमार्ग परियोजना को मंजूरी

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Highlightsचीनी मिलें गन्ना किसानों को उनकी उपज के लिए यह मूल्य देने को कानूनी रूप से बाध्य हैं। चीनी 10.25 प्रतिशत रहने पर 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी स्वीकृत किया गया है।9.5 प्रतिशत की दर पर किसानों को 329.05 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा।

नई दिल्लीः सरकार ने बुधवार को अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी 2025-26 सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 4.41 प्रतिशत बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया। गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया। चालू 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। केंद्र सरकार एफआरपी तय करती है, जो अनिवार्य न्यूनतम मूल्य है।

 

चीनी मिलें गन्ना किसानों को उनकी उपज के लिए यह मूल्य देने को कानूनी रूप से बाध्य हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सीसीईए की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मूल वसूली दर यानी प्रसंस्करण के दौरान गन्ने से प्राप्त चीनी 10.25 प्रतिशत रहने पर 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी स्वीकृत किया गया है।

बयान में कहा गया कि गन्ने से चीनी प्राप्ति 10.25 प्रतिशत से अधिक होने पर प्रत्येक 0.1 प्रतिशत वृद्धि के लिए किसानों को 3.46 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम दिया जाएगा। इसी तरह दर कम होने पर प्रत्येक 0.1 प्रतिशत कमी के लिए एफआरपी में 3.46 रुपये प्रति क्विंटल की कमी की जाएगी।

इस तरह 9.5 प्रतिशत की दर पर किसानों को 329.05 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इससे कम चीनी प्राप्ति की दर होने पर आगे कोई कटौती नहीं की जाएगी और न्यूनतम 329.05 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान हर हाल में किसानों को किया जाएगा। बयान के अनुसार चीनी सत्र 2025-26 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 173 रुपये प्रति क्विंटल है।

ऐसे में 10.25 प्रतिशत चीनी प्राप्ति दर पर 2025-26 के लिए निर्धारित 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी उत्पादन लागत से 105.2 प्रतिशत अधिक है। चीनी एक महत्वपूर्ण कृषि आधारित क्षेत्र है, जो लगभग पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों तथा चीनी मिलों में सीधे तौर पर काम करने वाले लगभग पांच लाख श्रमिकों की आजीविका का इंतजाम करता है।

इसके अलावा खेतिहर मजदूर और परिवहन सहित विभिन्न सहायक गतिविधियों में शामिल लोग इससे प्रभावित होते हैं। कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों और राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारकों से परामर्श के आधार पर एफआरपी को तय किया गया है।

मंत्रिमंडल ने 22,864 करोड़ रुपये की शिलांग-सिलचर राजमार्ग परियोजना को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मेघालय के मावलिंगखुंग से असम के पंचग्राम तक 22,864 करोड़ रुपये की कुल लागत से 166.80 किलोमीटर लंबे राजमार्ग के निर्माण की बुधवार को मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस राजमार्ग परियोजना का 144.80 किलोमीटर लंबा हिस्सा मेघालय और 22 किलोमीटर लंबा हिस्सा असम में स्थित है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने मेघालय में मावलिंगखुंग (शिलांग के पास) से असम में पंचग्राम (सिलचर के पास) तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-06 के 166.80 किलोमीटर लंबे चार लेन वाले मार्ग के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के प्रस्ताव को हाइब्रिड एन्युटी मोड पर मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल पूंजी लागत 22,864 करोड़ रुपये है।

प्रस्तावित हाई-स्पीड गलियारा गुवाहाटी से सिलचर के बीच चलने वाले यातायात के लिए सेवा स्तर में सुधार करेगा। इसके विकास से त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र की मुख्य भूमि और गुवाहाटी से सड़क संपर्क में सुधार होगा और यात्रा की दूरी एवं यात्रा के समय में काफी कमी आएगी।

बयान के मुताबिक, यह राजमार्ग देश की लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाने में भी योगदान देगा। यह गलियारा असम और मेघालय के बीच संपर्क में सुधार करेगा और मेघालय में उद्योगों के विकास सहित आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, क्योंकि यह मेघालय के सीमेंट और कोयला उत्पादन क्षेत्रों से होकर गुजरेगा।

वैष्णव ने कहा, ‘‘यह गलियारा गुवाहाटी हवाई अड्डे, शिलांग हवाई अड्डे और सिलचर हवाई अड्डे से आने वाले राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करेगा। यह पूर्वोत्तर में पर्यटक स्थलों को जोड़ेगा जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।’’ यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना गुवाहाटी, शिलांग और सिलचर के बीच संपर्क को भी बेहतर करेगी। यह राजमार्ग मेघालय में री भोई, पूर्वी खासी हिल्स, पश्चिम जैंतिया हिल्स एवं पूर्वी जैंतिया हिल्स और असम में कछार जिले से होकर गुजरेगा।

इसके पूरा होने पर शिलांग-सिलचर कॉरिडोर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो मेघालय, असम, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में रोजगार सृजन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए बुनियादी ढांचे को बेहतर करती है। 

Web Title: Year 2025-26 Modi government farmers remunerative price sugarcane increased 4-41 percent Rs 355 per quintal Shillong-Silchar Highway project worth Rs 22,864 crore

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