World’s largest grain storage scheme: 11 गोदामों का उद्घाटन, 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश, 700 लाख टन भंडारण क्षमता, जानिए और
By सतीश कुमार सिंह | Published: February 24, 2024 04:22 PM2024-02-24T16:22:30+5:302024-02-24T16:24:28+5:30
World’s largest grain storage scheme: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 11 राज्यों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) में अनाज भंडारण के लिए 11 गोदामों का उद्घाटन किया।
World’s largest grain storage scheme: सहकार से समृद्धि...। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को एक और तोहफा दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत मंडपम 'विकसित भारत' की अमृत यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि का साक्षी बन रहा है। सहकार से समृद्धि का जो संकल्प देश ने लिया है, उसे साकार करने की दिशा में आज हम और आगे बढ़ रहे हैं। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि PACS को मजबूत करने के लिए मोदी जी ने ₹2,500 करोड़ लगाई है। इसके लिए मैं मोदी जी का धन्यवाद करता हूं। आज मोदी जी द्वारा 18 हजार PACS की शुरुआत हुई। इसके साथ-साथ विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की भी शुरुआत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 11 राज्यों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) में अनाज भंडारण के लिए 11 गोदामों का उद्घाटन किया।
सहकारिता केवल व्यवस्था नहीं है, सहकारिता एक भावना है, एक spirit है।
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- पीएम श्री @narendramodi
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ये गोदाम सहकारी क्षेत्र में सरकार की दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना का हिस्सा हैं। इस योजना के तहत 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश शामिल है। मोदी ने गोदामों और अन्य कृषि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए देश भर में अतिरिक्त 500 पैक्स की आधारशिला भी रखी।
सहकार से समृद्धि...
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खाद्यान्न की सुरक्षा सुनिश्चित करने और खाद्यान्न की बर्बादी कम करने के लिए सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरू की गई।#सहकार_मित्र_मोदीpic.twitter.com/5E5O4xqGOv
इन पहलों का मकसद नाबार्ड और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की मदद से पैक्स गोदामों को खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला के साथ निर्बाध रूप से जोड़ना है। प्रधानमंत्री ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारी क्षेत्र एक लचीली अर्थव्यवस्था को आकार देने और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देने में सहायक है। उन्होंने कहा, ''आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है। इसके तहत देश भर में हजारों वेयरहाउस और गोदाम बनाए जाएंगे।''
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खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अन्न भंडारण हेतु पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत। #सहकार_मित्र_मोदीpic.twitter.com/kSlPS3SBJA
उन्होंने कहा कि इसके तहत 700 लाख टन भंडारण क्षमता बनाई जाएगी। मोदी ने सहकारी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे खाद्य तेलों और उर्वरकों सहित कृषि उत्पादों के लिए आयात निर्भरता कम करने में मदद करें। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि देश में भंडारण बुनियादी ढांचे की कमी के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ''पिछली सरकारों ने इस समस्या पर कभी ध्यान नहीं दिया। लेकिन, आज पैक्स के जरिए इस समस्या का समाधान किया जा रहा है। दुनिया के सबसे बड़े खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में 700 लाख टन भंडारण क्षमता बनाई जाएगी। इस पहल पर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे।''
आत्मनिर्भर भारत बनाए बिना, विकसित भारत बनाना संभव नहीं है।
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मोदी ने कहा कि विशाल भंडारण सुविधाओं के निर्माण से किसान अपनी उपज को गोदामों में रखने, इसके बदले संस्थागत ऋण लेने और अच्छी कीमत हासिल करने में सक्षम होंगे। उन्होंने सहकारी समितियों की चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता लाने के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि इससे सहकारी आंदोलन में लोगों की अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
We will continue to ensure prosperity through cooperation.
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Today, 25,000+ cooperative units are transforming the fisheries sector.
Our target is to establish 2 lakh Sahkari Samitis in the next 5 years.
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उन्होंने कहा कि एक अलग मंत्रालय के माध्यम से देश में सहकारी समितियों को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। मोदी ने यह भी कहा कि बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम में संशोधन किया गया है और पैक्स का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने देश भर में 18,000 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के लिए एक परियोजना का भी उद्घाटन किया।
किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि छोटे किसान उद्यमी बन रहे हैं और यहां तक कि अपनी उपज का निर्यात भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''हमने 10,000 एफपीओ स्थापित करने का लक्ष्य रखा था। हम पहले ही 8,000 एफपीओ स्थापित कर चुके हैं। उनकी सफलता की चर्चा अब वैश्विक स्तर पर हो रही है।
खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है, इस सोच के साथ हमने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है।
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आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है।
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मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्र भी सहकारी समितियों से लाभान्वित हो रहे हैं।'' प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहकारी समितियों को उन वस्तुओं की एक सूची बनानी चाहिए, जिनका भारत आयात करता है और उन्हें स्थानीय स्तर पर उत्पादित या निर्मित करने की योजना बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सहकारी संगठन खाद्य तेल, उर्वरक और कच्चे तेल के आयात को कम करने में मदद कर सकते हैं। मोदी ने कहा, ''ईंधन आयात को कम करना होगा। एथनॉल में हम बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। एथनॉल का उत्पादन काफी बढ़ गया है।'' इससे पहले, सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना भारत के 100 प्रतिशत अनाज भंडारण की क्षमता बनाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि आगामी आम चुनाव से पहले 30,000 और पीएसीएस का कम्प्यूटरीकरण पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह सहकारी क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और छोटे तथा सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। शाह ने कहा कि 2,500 करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के साथ 65,000 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की परियोजना को मंजूरी दी गई है।