श्रमिक संगठनों की हड़ताल से सरकारी बैंकों में कामकाज आंशिक तौर पर प्रभावित
By भाषा | Updated: November 26, 2020 21:37 IST2020-11-26T21:37:03+5:302020-11-26T21:37:03+5:30

श्रमिक संगठनों की हड़ताल से सरकारी बैंकों में कामकाज आंशिक तौर पर प्रभावित
नयी दिल्ली/मुंबई, 26 नवंबर केंद्रीय श्रमिक संगठनों की एक दिन की हड़ताल में बृहस्पतिवार को कुछ बैंक कर्मचारी संगठनों के भी शामिल होने से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कामकाज आंशिक तौर पर प्रभावित रहा।
बैंकों की कई शाखाओं में जमा, निकासी और चेक समाशोधन का काम प्रभावित हुआ। बैंक संगठनों का दावा है कि हड़ताल के चलते करीब 18,000 करोड़ रुपये मूल्य के चेक समाशोधन के लिए नहीं भेजे जा सके। वहीं देश के कुछ इलाकों में एटीएम भी सूने पड़े रहे।
हालांकि देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज सामान्य बताया गया।
भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों ने मुख्य तौर पर नए कृषि और श्रम कानूनों समेत सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ यह हड़ताल बुलायी थी।
ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) से जुड़े बैंक कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए।
वहीं बैंक अधिकारियों के एक संगठन- अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि संगठन हड़ताल में शामिल नहीं हुआ लेकिन वह इसका समर्थन करता हे।
उन्होंने कहा कि संगठनों ने सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान छेड़ा है।
दत्ता ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के आंतरिक कार्यकारी समूह की एक हालिया रपट में भी कॉरपोरेट कंपनियों को बैकिंग क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देने पर सवाल उठाए गए हैं। रपट में कहा गया है कि यह उन्हें देश के बचतकर्ताओं की जमा पूंजी लूटने देने का एक और अवसर देना होगा।
उन्होंने कहा कि अब यह बात सबके सामने है कि गैर-निष्पादित आस्तियों (फंसे कर्ज) की मौजूदा समस्या की वजह कॉरपोरेट कंपनियों का कोष को इधर-उधर कर धोखाधड़ी करना है।
एआईबीईए, भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के कर्मचारियों को छोड़कर लगभग सभी बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है। विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्र के पुराने बैंकों समेत कुछ विदेशी बैंकों के लगभग चार लाख कर्मचारी एआईबीईए के सदस्य हैं।
हड़ताल का असर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, केरल और बिहार जैसे राज्यों में ज्यादा रहा। वहीं निवार चक्रवात के चलते सरकारी आदेश की वजह से तमिलनाडु के 16 जिलों में बैंक पूरी तरह बंद रहे।
महाराष्ट्र में करीब 30,000 बैंक कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। मुंबई में होरनिमान गोल चक्कर पर 200 बैंक कर्मचारियों ने मानव श्रृंखला बनायी।
इससे पहले बैंक ऑफ महाराष्ट्र सहित कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया कि वे बैंकिंग संबंधित लेनदेन और अन्य सेवाओं के लिए इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग और एटीएम जैसे डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करें।
बैंक कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन की अन्य वजह क्षेत्र में विभिन्न नौकरियों को आउटसोर्स करना या संविदा पर करना है। बैंकिंग क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती करना और बड़े कॉरेपोरेट ऋण चूककर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना भी है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय साधारण बीमा निगम (जीआईसी) के कर्मचारी संगठनों ने भी हड़ताल में भागीदारी की।
हड़ताल में भाग लेने वाले 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर ऑफ इंडिया ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एंप्यॉलयड वीमेंस एसोसिएशंस (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और युनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) हैं।
किसान संगठनों के संयुक्त मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने भी इस आम हड़ताल को अपना समर्थन दिया।
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