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उत्तर प्रदेश में अप्रैल से होगी गेहूं खरीद: मुख्यमंत्री

By भाषा | Updated: January 29, 2021 21:27 IST

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लखनऊ, 29 जनवरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भंडारण गोदामों और सभी क्रय केंद्रों की जियो टैगिंग कराने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।

गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 50 रूपये की बढ़ोतरी करते हुए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,975 रूपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

एक सरकारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गेहूं खरीद 2021-22 संबंधी समय-सारिणी एवं प्रस्तावित क्रय नीति के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों की तर्ज पर गेहूं किसानों के लिए भी ऑनलाईन पर्ची की सुविधा मुहैया कराई जाए। नवीन नीति तय करते समय ध्यान रखें कि ऐसी क्रय एजेंसियां जिनका रिकॉर्ड ठीक नहीं है, उन्हें काम न दिया जाए। भंडारण गोदाम सहित सभी क्रय केंद्रों की जियो टैगिंग कराई जाए। इससे किसानों को सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता के लिए इस वर्ष यथासंभव ई-पॉप मशीनों के माध्यम से बायोमीट्रिक सत्यापन द्वारा क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने गेहूं खरीद के लिए छह हजार क्रय केन्द्रों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे किसानों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्र के लिए पथ-प्रदर्शक निशान अवश्य लगाये जाएं। गेहूं क्रय केन्द्र की स्थापना के स्थानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी बटाईदारों से भी गेहूं खरीद की जाए। साथ ही उन्होंने किसानों के पंजीयन में सीलिंग एक्ट के प्राविधानों का ध्यान रखने के निर्देश भी दिए।

बयान के अनुसार, उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि

किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान कर दिया जाए। साथ ही अधिकारियों द्वारा गेहूं खरीद प्रक्रिया की नियमित निगरानी तथा क्रय केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया जाए।

उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई के समय गर्मी का मौसम होगा, साथ ही बारिश की संभावना भी होगी। ऐसे में क्रय केन्द्रों पर छाजन, पेयजल, बैठने की व्यवस्था आदि होनी चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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